मैं सोचती रही, क्या कहूँ उसे...
'अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस' की शुभकामनाएँ, बोलना उतना ही आसान है जैसा कि 'स्वतंत्रता दिवस मुबारक़ हो' या अन्य कोई भी दिवस की बधाई देना। लेकिन सब जानते हैं, इस सब की सच्चाई, एक तिथि या अवकाश से ज्यादा कुछ भी नहीं। कभी गौर कीजियेगा, नब्बे प्रतिशत महिलाओं के मुँह से इस बधाई की प्रतिक्रियास्वरुप खिसियाता 'थैंक्स' ऐसे निकलेगा जैसे अस्पताल के बिस्तर पर पड़े किसी बीमार बच्चे को हैप्पी बर्थडे बोल दिया गया हो। पर एक बात यह भी है कि कोई 'विश' करे, अच्छा तो लगता ही है! सच समझे आप, 'स्त्रियों' को समझ पाना इतना आसान नहीं है। स्त्री मन की थाह का अंदाजा, शायद ....