मेरे देश के लोगों और लुगाइयों यानि माताओं-पिताओं, भाइयों-भौजाइयों, बहनों-बहनोइयों आदि-आदि – …
मेरे देश के लोगों और लुगाइयों यानि माताओं-पिताओं, भाइयों-भौजाइयों, बहनों-बहनोइयों आदि-आदि – …
गाड़ी पंचर हो जाये तो मुद्दतों से मिला सुख चंद मिनटों में …
एक किश्त अदा करता हूँ तो दो और आ जाती हैं। ये …
किसी भी मशीन पर काम करो तो कपड़े गंदे होते है बस …
मैं व्यंग्य समय हूँ।
तो हस्तिनापुर के समीप इंद्रप्रस्थ जो कि अब …
कल का दिन रावण के लिए कुछ ठीक नहीं गया। माना कि …
मैं शाम के वक्त चौराहे पर आँखें सेंकने और तफरीह के लिये …
कोरोना ने और जो भी क्षति समाज को पहुँचायी हो, एक काम …
बिन्नू! बिन्नू! चिल्लाते हुए भैय्या की अम्माँ रोए जा रही थी। उनके …