यादों के झरोखे से खिलती, खुलती झरती हँसी हमें रोते हुओं को
यादों के झरोखे से खिलती, खुलती झरती हँसी हमें रोते हुओं को
स्नेहिल नमस्कार मित्रों
प्रेम की बात ही निराली है,
महसूसो तो प्रेम …
प्रेम वृत्त में??
“अरे। यहाँ क्यों नहीं बैठती? किताबों में इस उमर …
स्नेही मित्रों
सस्नेह नमस्कार
अम्मा ने कभी लिखा था-
‘नदिया नाले सूख …
नमस्कार
स्नेही मित्रों
आशा ही नहीं, पूर्ण विश्वास है, आप सब आनंद …
मित्रों को स्नेहिल नमस्कार
प्रेम की कोई सीमा नहीं, प्रेम की कोई …
स्नेहिल नमस्कार
मित्रों!
भोर के इन लम्हों में जब अंगड़ाई के लिए …
मित्रो !
स्नेहआशा है स्वस्थ व आनंदित होंगे। मैं कैसी हूँ? यूँ …
आज भोर में एक कोयल ने कूककर मुझे पुकारा और कहा ‘गुड …
मित्रों!
स्नेहिल नमस्कार
जीवन की गति न्यारी न्यारी
जितनी सुलझाओ,वह उलझे
न …