हम भारतीय बड़े भावनात्मक लोग हैं। हम सपनों की दुनिया में जीने वाले लोग हैं। हर सुबह एक नई उम्मीद के साथ शुरू करने वाले लोग हैं। हम सपनों का सिरा पकड़ पूरी चादर ओढ़ खिलखिलाने वाले लोग हैं। जो भी हमारा हाथ थाम हमें उस दुनिया के द्वार तक ले जाए, हमारे दिल उसके लिए धड़कने लगते हैं। अनगिनत अपेक्षाएं जुड़ जाती हैं। उस पर जान उड़ेल देते हैं और अपनी हर प्रार्थना में वह एक नाम शामिल रहता है। इस बार वह नाम था, टीम इंडिया का! और क्यों न हो! हमारी टीम इस विश्वकप में अपने अद्भुत, अजेय प्रदर्शन से हम सभी को गौरवान्वित करती रही है। हमारा विजय रथ आगे बढ़ता जा रहा था और विश्वकप से महज एक मैच भर की दूरी बची थी। इधर आस्थाएं भी जोर पकड़ रहीं थीं, ज्योतिषियों-पंडितों ने भविष्यवाणी कर दी, मीडिया हाउस विजय पताका लगभग फ...
प्रीति अज्ञात