हम एक ऐसे वैश्विक समाज में रह रहे हैं जहाँ हर इंसान संघर्षरत है। हम नित अपने भीतर और बाहर की दुनिया के छोटे-बड़े युद्धों से जूझ रहे हैं एवं प्रत्येक प्रतिस्पर्धा में स्वयं को एक विजेता के रूप में देखना चाहते हैं। आम इंसान, बड़े होने के स्वप्न देखता है और जो बड़े उद्योगपति हैं वे निरंतर ऊँची इमारतों, कॉर्पोरेट जगत के सौदों और उससे होने वाले विशालकाय लाभ की खोज में जुटे हुए हैं। इन्हीं लोगों और स्वार्थ से भरी इस दुनिया के बीच एक ऐसा शख्स भी आता है जो न केवल अपने महान व्यावसायिक कौशल के लिए जाना जाता है बल्कि अपनी अमिट दयालुता, करुणा और अटूट प्रेम से सबके हृदय में अपना स्थान भी बना लेता है। जिसकी विरासत मात्र किसी व्यावसायिक जीत या वैश्विक विस्तार में नहीं; बल्कि उन लाखों लोग...
प्रीति अज्ञात