तलाक़ सहज नहीं होता. उतना सहज तो बिल्कुल नहीं, जितना आमिर खान और किरण राव के साझा बयान से दिखता है. तलाक़ को लेकर ये 'साझापन' कड़वाहट के कई पलों के बाद हासिल होता है. सेलिब्रिटियों की शादी हमें परीकथा जैसी लगती है, और उनके तलाक़ भी उतने ही करिश्माई. लेकिन तय जानिए कि कोई तलाक़ खेल के लिए नहीं होता. कि चलो, शादी-शादी खेल के बोर हो गए तो अब तलाक़-तलाक़ खेलते हैं. कड़वाहट भरी जिंदगी अपनी उम्र पूरी करने के बाद ही तलाक़ के मोक्ष तक पहुंचती है.
कड़वे रिश्ते की पहचान क्या होती है? वहाँ आपको दिखाई देता है बिखराव, शिकायतें, कहासुनी, कभी-कभी सिर फुटव्वल भी. विश्लेषण-प्रेमी समाज इसे अपने ही ढंग से पेश करता है. कभी वो इस कड़वाहट के मजे लेता दिखता है. कभी इसे नियति मानकर निभा ले जाने की सलाह देता है. क...
प्रीति अज्ञात