हम जिस दुनिया में रह रहे हैं वहाँ के लोगों ने अब तक हुई तमाम महामारियों के किस्से भर ही सुने हैं। लेकिन इन किस्सों को सुनना और उन्हें स्वयं जीना, उनका हिस्सा बनना एक अलग ही स्तर का अनुभव है। एक ऐसा दुखद अनुभव, जिसे कोई कभी भी नहीं जीना चाहेगा! सब चाहते हैं कि उनके जीवन की पुस्तक से, दर्द के तमाम पृष्ठ उखाड़ फेंक दिए जाएँ लेकिन कोरोना महामारी और इसकी पीड़ा, अब एक लिखित दस्तावेज़ की तरह हमारी जीवन दैनंदिनी में दर्ज़ हो चुकी है। ये एक ऐसा दुःख है जो न चाहते हुए भी सबके गले पड़ गया है। निश्चित रूप से 2020 में दुनिया भर के कई लोगों के जीवन में कुछ अच्छा भी हुआ ही होगा लेकिन कोविड-19 का प्रकोप हर खुशी पर भारी ही रहा! इसने न केवल सामान्य दिनचर्या को ही प्रभावित किया बल्कि मनुष्य को आर्थिक, सामाजिक और...
प्रीति अज्ञात