जब मन रोशन तो जग रोशन!
जब मन रोशन तो जग रोशन!
हम जिस समय में रह रहे हैं, वहाँ आजकल व्यस्तता और अपनी-अपनी प्राथमिकताओं के चलते विशिष्ट दिवसों के प्रति उतना अधिक उत्साह देखने को नहीं मिलता और इन्हें लेकर यदि कोई प्रसन्नता होती भी है तो वह इनसे जुड़े अवकाश के कारण ही होती है। अच्छी बात यह है कि विद्यालयों में प्रातःकालीन सभा के समय उस तिथि से जुड़े प्रसंगों की चर्चा होती है तथा विविध कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं। इसलिए बच्चों को पूरी जानकारी होती है कि आज का दिवस इतिहास में क्यों महत्त्वपूर्ण है और उसे क्यों मनाया जाता है। यूँ इसके लिए अब गूगल भी उपलब्ध है ही। पर एक बात मुझे हमेशा ही खटकती रही है कि जिस तरह हर उम्र के विद्यार्थियों में 'शिक्षक दिवस' के प्रति उत्साह नज़र आता है, वही आनं...
प्रीति अज्ञात