आप हमारे हृदय में जीवित हैं, सर...सदैव रहेंगे! आपके विचार, गहन अंधकार में रोशनी की किरण बन हम सबका मार्ग प्रशस्त करते रहेंगे! युग पुरुष, देश की धड़कन और प्रेरणापुंज श्री ए पी जे अब्दुल कलाम को 'हस्ताक्षर' परिवार की ओर से नमन एवं अश्रुपूरित श्रद्धांजलि!
"तेरी उँगलियों ने
निथारा था दर्द मेरे बालों से
और भरी थी मुझमें
अपने विश्वास की शक्ति
निर्भय हो जाने की, जीतने की।
जिया मैं
मेरी माँ!"
- ए पी जे अब्दुल कलाम
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'स्वतंत्रता'.....महसूस क्यों नही होती?
सोमवार से लेकर शनिवार तक, हम सभी की दिनचर्या कितनी नियमितता से चला करती है। वही समय पर उठना, रोजमर्रा की भागदौड़ भरी ज़िंदगी, काम पर जाना, तय समय पर लौ...
प्रीति अज्ञात