'शब्द' माध्यम हैं, हमारे ह्रदय में उठते उद्गारों को जनमानस तक पहुंचाने का। प्रत्येक लेखक की अपनी एक निश्चित विधा एवं लेखन-शैली होती है, जिसमें वह सहज रूप से स्वयं को अभिव्यक्त कर सकता है। गीत, ग़ज़ल, कविता, कहानी, संस्मरण, दोहे, चौपाई, हाइकु और न जाने ऐसी कितनी ही विधाओं का सम्मिलन एक उन्नत साहित्य का निर्माण करने में सहायक सिद्ध होता है। कहते हैं कवि मन अत्यधिक भावुक व संवेदनशील होता है, उसकी लेखनी में उसकी रूह घुली होती है, तभी तो भावों की गहराई से लिखी कोई रचना आपके अंत:करण को स्पर्श कर कभी नि:शब्द कर दिया करती है, कभी मन उद्वेलित हो उठता है तो कभी आप उसे पढ़ अपना हर दुःख-दर्द भूल खिलखिलाने को विवश हो जाते हैं। यही शक्ति है एक रचनाकार की, यही धर्म है, यही पूँजी है उसकी। इसकी भावनात्मक कीम...
प्रीति अज्ञात