1) मौन
रात भर की सिसकियों से गीले तकिए
और दुपट्टा मुंह में भींचे भरभराते गले
एक दिन हिसाब मांगेंगे
दिए गए और लिए गए प्रेम और पीड़ा का
हर शब्द उस दिन
सीने पर कोड़े की तरह बरसेगा
उस दिन ही समझ पाओगे ,
कि सबसे ज्यादा भयानक होता है
किसी का मौन
और सबसे बड़ी सजा होती है
क्षमा कर देना और
हृदय से उतार देना …..
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2 ) प्रेम का भूगोल
तुम्हारे प्रेम ने मुझे जीने का हौंसला दिया
तुम्हारे प्रेम में मैने कविताएं लिखी
तुम्हारे जाने पर
उन्हीं कविताओं ने मुझे संभाला
फिर मैंने कविताओं में तुम्हें ढाला
ये भूगोल है इतना सा मेरी चाहत का
तुमसे दूर कितना भी हो
मुझे तुम तक ही तो पहुंचना था ।
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3) चुनाव
उसके कुछ शब्दों के कहने से
बहुत कुछ तबाह हो सकता था
लेकिन चुप रहकर उसने
खुद को तबाह करना चुना
गलत चुना ।
वो बन सकती थी
अपना भविष्य खुद लिखने वाली
वीरांगना , मगर ,
अपना सब कुछ समर्पित कर उसने
सहनशक्ति की मूरत और देवी बनना चुना
गलत चुना ।
वो चल सकती थी अपने चुने रास्ते पर चलना
मगर उसने अपनों की खातिर
उनकी बताई राह पर चलना चुना
गलत चुना ।
सदियों से गलत चुनना अब उसकी आदत में है
फिर भी अपने कष्टों का दोष
उसने दूसरों पर डालना चुना
गलत चुना ।
हर चुनाव उसकी जिम्मेदारी थी
खुद के प्रति
उसने बाकि जिम्मेदारियां निभाना चुना
गलत चुना ।