बोन्साई आम का पेड़
गमले की कैद
सुविधाएं अनेक
विस्तार में सीमित
कांट-छांट नियमित
सुंदर, बोन्साई आम का पेड़।
साजिश का शिकार
कहने को प्यार
सृजन में नियोजन
जीवन निष्प्रयोजन
बेचारा, बोन्साई आम का पेड़।
प्रशंसा के पुल
आधार है गुल
रो नहीं पाता
दिखता कोई आता
सहमा, बोन्साई आम का पेड़।
मुस्कान को मजबूर
पीड़ा से भरपूर
इच्छा सब त्यागी
है बाबा बैरागी
निराश, बोन्साई आम का पेड़।
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चैतुए
घर की छबाई के
बिटिया की सगाई के
चटनी और रोटी के
बंडी और धोती के
सपने सजाते
गाते मुस्कुराते
जा रहे चैतुए
गा रहे चैतुए।
सहसा एक लुनाई यंत्र
पास से गुजर गया
चैतुए सहम गए
काफिला ठहर गया
स्वप्न भूसा बन गए
खेत में बिखर गए
मुड़ गए चैतुए
शहर चले चैतुए।
*लुनाई यंत्र- हार्वेस्टर
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खिड़कियाँ
खिड़कियों वाले घर
कितने सुंदर दिखते हैं
पर खिड़कियों के पट
अक्सर बंद मिलते हैं
खिड़कियों से घर में
सूरज प्रवेश करता
घर सांसें लेने लगता
दिन संवरने लगता
फिर जाने क्यों इन पर
पर्दे लटके रहते हैं
खिड़कियां मक़बरों में
नहीं होतीं हैं
लोग कहते यहां पर
रूहें सोतीं हैं
बंद खिड़कियों के घर
मकबरे लगते हैं!
खिड़कियों से घर
कितने सुंदर दिखते हैं।