1. आशा की किरण
जब पत्थर खोते जा रहे थे
अपने भीतर की आग
और ज़मीन खोती जा रही थी
अपना उपजाऊपन
जब पंछी खोते जा रहे थे
अपने पंखों की उड़ान
और पशु खोते जा रहे थे
कुलाँचे मारने की आज़ादी
ऐसे में भी
दिन भर की मेहनत के बाद
घर लौट रहे
थके मज़दूरों की टोली में
बची हुई थी
गूँजती हुई हँसी
जगी हुई थी
जीवन की जोत
विकट परिस्थितियों में भी
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2. आश्चर्य
आज दिन ने
मुझे बिना घिसे
साबुत छोड़ दिया
मैं अपनी धुरी पर घूमते हुए
हैरान सोच रहा हूँ —
यह कैसे हुआ
यह कैसे हुआ
यह कैसे हुआ
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3. असलियत
जो मेरा
ख़ून करने आया था
वह द्रवित हुआ
मेरी दारुण दशा देख कर
‘ तुम्हें मैं क्या मारूँ
तुम तो पहले ही
हालात के हाथों
मरे हुए हो ‘ —
उसने सहानुभूति जताते हुए कहा
उसने मेरी मदद की
रुपए-पैसे उधार दे कर
जब एक बार बीमार हो कर
अस्पताल में भर्ती हुआ मैं
तब सारी रात बैठा रहा
वह मेरे सिरहाने
जब मुझे ख़ून की ज़रूरत पड़ी
तब अपना ख़ून दिया उसने
मेरे लिए
मेरा यह शत्रु
मेरे बड़े काम आया
पग-पग पर
पर वे मित्र
जो कहते थे
‘ हम हैं न साथ ‘
वे अपना साँवला लहू सम्भाले
निकल भागे
मेरी हर मुश्किल के समय
मुझे अकेला छोड़ कर
जो मेरा ख़ून करने आया था
उसी ने मुझे बचाया
हर मोड़ पर
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4. सपने में जीवन
सर्दियों की एक रात में
फुटपाथ पर चिथड़ों में ठिठुरते
भिखारी के सपनों में
चला गया मैं चुपचाप
वहाँ ग़रीबी के बिस्तर पर
भूख का सिरहाना था
बेरोज़गारी की कटोरी में
बीमारी का दाना था
आँखों के नीचे
असमय काले गड्ढे थे
चारों ओर
उदासी के अड्डे थे
भरी जवानी में
माथे पर लकीरें थीं
दुख का सैलाब था
मुट्ठी में फ़क़ीरी थी
मधुमक्खियों के
टूटे हुए डंक थे
मरी हुई तितलियों के
पंख थे
पीठ पर काँटों का जंगल था
आग का दरिया था
चारों ओर अमंगल था
यदि मैं भेष बदल कर
गया हुआ राजा होता
तो कुछ अशर्फ़ियाँ
भिखारी के सपनों में
छोड़ आता
पर मैं एक कवि हूँ
सो उस भिखारी के
सपने से बाहर आ कर
मैंने उस पर
एक कविता लिखी
आप से अनुरोध है
यह कविता पढ़ें
और उस जैसों की
कुछ मदद करें
मेरे पास एक पुराना कम्बल था
जो मैं उसे दे आया
और उसके जीवन की
संघर्ष की कहानी ले आया
अगली बार उसकी नींद में
शायद थोड़ी गर्माहट होगी
और सपने में
उसके चेहरे पर
शायद थोड़ी मुस्कराहट होगी —
सपना हो या जीवन
यदि थोड़ी गर्माहट और
थोड़ी मुस्कराहट हो
तो रास्ता
थोड़ा आसान हो जाता है
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5. लेखा-जोखा
कई दुख-दर्द
मुझे जी रहे थे
कई आँसू
मुझे पी रहे थे
कई बरसों ने
भोगा था मुझे
कई तारीख़ों में से
झर रहा था मैं
कई स्मृतियों में
मौजूद था मैं
कई आहटों में
दबा था मैं
कई अनुभवों ने
महसूस किया था मुझे
एक जीवन
मुझमें से होकर
गुज़र रहा था