१-
अविस्मरणीय यात्रा
तनाव में और बहुत दुःख में
निकला था घर से
और एक यह है कि
छाती और सिर रखकर
सो गयी हैं पैरों पर…
बस चल रही है
अपनी चाल में
पीछे छूट रहे हैं
खेत- खलिहान,
गांव
शहर
और बस्तियां…
बहुत पीछे छूट चुका है
बस में चढ़ते वक्त का
तनाव और दुःख …
एक अविस्मरणीय यात्रा…!
******************
2-
नमक-मिर्च मिलाकर
आप तो ग्रामीण लगती हैं
वैसे करती क्या हैं …?
औटे हुए दूध से दही बनाती हूँ
जोरन मिलाकर
मक्खन बनाती हूँ
दही बिलोकर
और मक्खन को गर्म कर घी…
उससे पहले दूध निकालती हूँ
सुबह -शाम,
भैंस नहलाकर
और आप…?
रांध लेती हूँ दाल
गूंथ लेती हूँ आटा
सेंक लेती हूँ रोटियां
चूल्हा जलाकर…
और फिर परोस देती हूँ
सेवा मिलाकर …
किंतु आप …?
“ख़बर …”
ख़बर बनाती हूँ
विज्ञापन तलाशती हूँ
और परोस देती हूँ
आप सबके सामने
नमक-मिर्च लगाकर….