जो सपनों को अपने उड़ान देते हैं,
पंखों को विशाल आसमान देते हैं
आग में तपकर निखरते हैं जो,
खुद को नई पहचान देते हैं।
मिलती है तालियों की गूँज उन्हें,
ठहर जाती हैं हज़ारों आँखें उन पर
जो अपने आगाज़ को
खूबसूरत अंजाम देते हैं।
वे सपनों को आँखों में नहीं
हथेलियों पर सजाते हैं,
अपने लक्ष्य को पाने के लिए
मेहनत को गले लगाते हैं।
समर्पित हो जाते हैं अपने कार्य के प्रति
वे कभी थकते नहीं
और न खुद को विराम देते हैं।