वे पत्तियाँ हरी
शाख से जुड़ी
क्लोरोफिल लिए,
इठलाती हैं क्षणिक
फिर
शांत हो जाती हैं,
देखती हैं
पीली पत्तियाँ,
जो हो चुकी हैं
अलग शाख से
क्लोरोफिल विहीन,
परिवर्तन सह जाती हैं,
करती है साझा
अपना दर्द
जब उसी आँगन में
दूसरी छोर
खड़ी मिल जाती हैं
पीहर को छोड़
पीलापन लिए बेटियाँ