अंतरिक्ष परी
बन सखी चांद सितारों की
गुपचुप-गुपचुप बतियाती है
कर अंतरिक्ष में खोज बीन
नासा को रहस्य बताती है।
नाम सुनीता सफल किया
आत्मजा भारत माता की
बादल के घोड़े अचंभित
वह बनी सुता अंतरिक्षों की।
गोताखोर तैराक रही
नौसेना में थी पोतवाहक
स्पेसवॉक किए उसने
कभी पायलट हेलीकॉप्टर की ।
रच दिए कई इतिहास नए
क्षितिज रेखा फलांग गई
यह तीव्र भाव, यह खोज साहस
वैश्विक अन्वेषण, स्पेस परी।
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समाचार
समाचार पत्र आ धमका
भोर के अभ्युदय साथ,
गर्मागर्म चाय का प्याला
वह चश्मा और यह अखबार।
बीते कल की खबरें सारी
हत्या, लूट, काला बाजार,
बलात्कार, दुर्घटना, चोरी
युद्ध, हिंसा, डाके, व्यभिचार।
एक पृष्ठ व्यापार जगत का
कारोबार और शेयर बाजार,
एक पृष्ठ है खेल जगत का
जीते हारे मैडल चार।
वर्ड विंडो का पृष्ठ है पूरा
लंदन, यूरोप, रूस, जापान,
राजनेता के भ्रमण समाचार
देश विदेश में उड़ते यान।
एक पृष्ठ धर्म के नाते
चित्र , कीर्तन, शुभ विचार,
पंचांग, ज्योतिष, क्रॉसवर्ड
विज्ञापन भी भरे उड़ान।
खत्म हुआ चाय का प्याला
विस्मृत खबरें, शुभ विचार,
दिनचर्या, रोजी रोटी का
करना होगा अब जुगाड़।