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कविताएँ
नहीं बनती है कविता
ऐसी कितनी शामें गुज़री हैं
इस कमरे …
कविताएँ
नहीं बनती है कविता
ऐसी कितनी शामें गुज़री हैं
इस कमरे …
कविताएँ
मुट्ठियाँ
बंद मुट्ठी के बीचों-बीच
एकत्र किये स्मृतियों के चिह्न
कितने …
कविताएँ
घर
उसने जूड़े से एक पिन निकाला
और दीवार पर कुरेदा …