मार्च 2017 फागुनी दोहेछंद-संसार फागुनी दोहे फसलें पककर झुक गईं, छूने लगीं ज़मीन। हवा बही … छन्द-संसार अरविन्द अवस्थी
फ़रवरी 2017 नवगीत-गीत-गंगा नवगीत- हाथ ठिठुरे कुछ किया जाता नहीं, पेट तो हड़ताल पर … गीत-गंगा अरविन्द अवस्थी