गाने में जैसा दोहा – खाने में वैसा पोहा। साहित्यिक सामग्री में …
जन्म 14 अप्रैल 1960, रायपुर (छत्तीसगढ़)
मूलतः व्यंग्यकार, विगत 40 वर्षो से निरंतर लेखन जारी। व्यंग्य, समीक्षा, आलेख एवं लघु कथाओं का निरंतर लेखन। अमृत संदेश, नव भारत, दैनिक भास्कर, नई दुनिया, रांची एक्सप्रेस, जनवाणी, हरिभूमि, राजस्थान पत्रिका, पंजाब केसरी, वागर्थ, बालहंस, सुखनवर, सामानांतरनामा, कलावासुधा, इप्ट
जन्म 14 अप्रैल 1960, रायपुर (छत्तीसगढ़)
मूलतः व्यंग्यकार, विगत 40 वर्षो से निरंतर लेखन जारी। व्यंग्य, समीक्षा, आलेख एवं लघु कथाओं का निरंतर लेखन। अमृत संदेश, नव भारत, दैनिक भास्कर, नई दुनिया, रांची एक्सप्रेस, जनवाणी, हरिभूमि, राजस्थान पत्रिका, पंजाब केसरी, वागर्थ, बालहंस, सुखनवर, सामानांतरनामा, कलावासुधा, इप्टा वार्ता, सूत्रधार, कार्टून वाच, दुनियाँ इन दिनों, उदंती.काँम, साहित्य सुधा, साहित्यकथा, रचनाकार, अट्टहास, विभोम स्वर, सदभावना दर्पण आदि आदि पत्रिकाओं में निरंतर रचनाये प्रकाशित।
आज की जनधारा में व्यंग्य स्तंभ
हबीब तनवीर से रंगमंच का प्रशिक्षण
अनेको नाट्य स्पर्धाओं में सम्मेलनों, गोष्ठियों में शिरकत
लिखित प्रमुख व्यंग्य नाटक –
निकले थे मांगने
किस्सा कल्पनापुरका
विचित्रलोक की सत्यकथा
नंगी सरकार
अमंचित प्रस्तुति
खुल्लम खुल्ला
सुकरात
अजब मदारी गजब तमाशा
एक अजीब दास्ताँ
दर्द अनोखे प्यार के नाक |
प्रमुख नाट्य रूपांतरण –
ईदगाह ( मुंशी प्रेमचंद )
किस्सा नागफनी ( हरिशंकर परसाई )
अकाल उत्सव ( गिरीश पंकज )
मौत की तलाश में ( फ़िक्र तौसवी )
टोपी शुक्ला ( राही मासूम रज़ा )
बाकी सब खैरियत है ( सआदत हसन मंटो )
असमंजस बाबू ( सत्यजीत रे )
जितने लब उतने अफसाने ( राजी सेठ )
एक गधे की आत्म कथा ( कृष्ण चंदर )
बियालिस साल आठ महीने ( सआदत हसन मंटो )
सात दिन
तुमने क्यों कहा था कि मै खूबसूरत हूं ( यशपाल )
काली शलवार (एक पात्रीय) ( मंटो )
नाक ( निकोलाई गोगोल )
प्रमुख नुक्कड़ नाटक –
नाटक की आड़ में, लाटरी लीला, खदान दान
सम्पर्क – अखतर अली, निकट मेडी हेल्थ हास्पिटल, आमानाका, रायपुर।
गाने में जैसा दोहा – खाने में वैसा पोहा। साहित्यिक सामग्री में …
गाड़ी पंचर हो जाये तो मुद्दतों से मिला सुख चंद मिनटों में …
किसी भी मशीन पर काम करो तो कपड़े गंदे होते है बस …
भाषांतर
हाय हम वकील क्यों हुए
(उर्दू से शौकत थानवी के व्यंग्य …
व्यंग्य
पुस्तक छपवा लो, विमोचन करवा लो
– अख्तर अली
पुस्तक छपवा …
धरोहर
मिर्ज़ा ग़ालिब – 27 दिसंबर जन्मदिन पर विशेष
तुम्ही कहो कि …
आलेख
मानवता का दर्द लिखेंगे, माटी की बू–बास लिखेंगे
– अख्तर अली…
आलेख
शायरी की कैफ़ियत बताती कैफ़ी की अज़ीम शायरी- अख़तर अली
अगर …