गीत-गंगा
बाल गीत- चंदा मामा
चंदा मामा चंदा मामा,
शाम ढले तुम जल्दी आना।
टिमटिम-टिमटिम करते तारे,
मुझको लगते हैं ये प्यारे।
साँझ समय में जब तुम आओ,
इनको भी लेकर के आना।
चंदा मामा चंदा मामा,
शाम ढले तुम जल्दी आना।।
आँख-मिचोली, लुक्का-छुप्पी,
खेलेंगे हम कट्टी-बट्टी।
परदे पीछे मैं छिप जाऊँ,
बादल पीछे तुम छिप जाना।
चंदा मामा चंदा मामा,
शाम ढले तुम जल्दी आना।।
मामा मुझको नहीं सताना,
बादल बाहर जल्दी आना।
यदि गुस्सा हो जाऊँ तुमसे,
लाड़-प्यार से मुझे मनाना।
चंदा मामा चंदा मामा,
शाम ढले तुम जल्दी आना।।
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बालगीत- पटाख़े
चट-पट, चट-पट करें पटाखे,
हम सबको ये बड़ा लुभाते।
गिन्नी, मुर्गा छाप पटाखे,
फुलझड़ियाँ भी खूब चलाते।
रॉकेट को बोतल में रख कर,
पूँछ में उसकी आग लगाते।
चट-पट, चट-पट करें पटाखे,
हम सबको ये बड़ा लुभाते।।
दीदी-भैया मम्मी-पापा,
ताऊ-ताई चाची-चाचा।
बच्चों के संग में सब मिल कर,
दीवाली त्यौहार मनाते।
चट-पट, चट-पट करें पटाखे,
हम सबको ये बड़ा लुभाते।।
छोटे-छोटे दीप जलाते,
घर जिनसे रोशन हो जाते।
हर चप्पे हर कोने से ये,
अंधियारे को दूर भगाते।
चट-पट, चट-पट करें पटाखे,
हम सबको ये बड़ा लुभाते।।
– शिवम खेरवार