कविता-कानन
कविता- कम्प्यूटर पर चिड़िया
बहुत देर से कम्प्यूटर पर,
बैठी चिड़िया रानी।
थी टंकण में व्यस्त, लिखी थी,
कोई बड़ी कहानी।।
तभी अचानक चिड़िया ने जब,
गर्दन ज़रा घुमाई।
किंतु न जाने किस कारण वह,
जोरों से चिल्लाई।।
कौआ भाई फुदक-फुदक कर,
शीघ्र वहाँ पर आए।
“तुम्हें क्या हुआ बहन चिरैया”,
कौआ जी घबराए।।
चिड़िया बोली, “पता नहीं है
कैसी ये लाचारी।
हुआ दर्द गर्दन में मुझको,
कौआ भाई भारी”।।
तब कौए ने गिद्ध वैद्य से,
उसकी जाँच कराई।
बीमारी, सर्वाइकल नामक,
वैद्यराज ने पाई।।
कम्प्यूटर पर बहुत देर तक,
बैठी चिड़िया रानी।
जोर पड़ा गर्दन पर इससे,
आई तेज सुनामी।।
कम्प्यूटर पर बहुत देर मत,
बैठो मेरे भाई।
बहुत अधिक जो बैठा उसको,
यह बीमारी आई।।
– प्रभुदयाल श्रीवास्तव