किसी भी मशीन पर काम करो तो कपड़े गंदे होते है बस वाशिंग मशीन ही ऐसी मशीन है जिससे कपड़े साफ़ होते है। इसीलिये कहा जाता है मशीनों में मशीन वाशिंग मशीन। वाशिंग मशीन सभी मशीनों की सरदार है। वाशिंग मशीन की लोकप्रियता में ज़बरदस्त उछाल दर्ज किया गया है। जब बेटे पढ़ने और कमाने दूसरे शहर में और बेटियां अपने ससुराल चली जाती है तब महिलाओं के जीने का एकमात्र सहारा बस वाशिंग मशीन ही होती है।
औरत जब खुश होती है तो गुनगुनाते हुए वाशिंग मशीन में कपड़े धोती है और जब गुस्से में होती है तो भन भन करते हुए वाशिंग मशीन में कपड़े धोती है यानि हर स्थिति में वह वाशिंग मशीन को नहीं छोड़ती है। जब पानी में डिटर्जेंट पाउडर डाल कर मशीन चलाती है और जो फेस बनता है उस फेस को देखते समय उनका फ़ेस देखने लायक होता है। स्त्रियाँ आईने में फ़ेस देख कर इतना खुश नहीं होती जितना वाशिंग मशीन में फेस देख कर होती है।
अगर पुरुष चाहते है कि परिवार की व्यवस्था शांति से चलते रहे तो उन्हें ध्यान रखना चाहिये कि घर की वाशिंग मशीन ठीक से चलती रहे। महिला एक साड़ी में ज़िंदगी गुज़ार सकती है. एक टाईम खा कर रह सकती है लेकिन एक दिन भी वाशिंग मशीन के बिना नहीं जी सकती। पत्नियां जब मायके जाती है तब वहां ससुराल की कोई चीज़ याद करती है तो वाशिंग मशीन को याद करती है। महिलाओं का वाशिंग मशीन से रिश्ता हुस्न और इश्क का रिश्ता होता है। यूँ तो यहां कोई किसी का नहीं होता है लेकिन गृहिणी और वाशिंग मशीन का रिश्ता सब से ज़्यादा समय तक निभने वाला रिश्ता होता है। हकीकत में वही घर स्वर्ग है जिस घर में वाशिंग मशीन है इसके अलावा स्वर्ग की सारी बाते बस किताबी बातें है।
माताओं को वे बच्चे ज़्यादा प्रिय होते है जो रोज़ कपड़े गंदे कर के आते है। औरतों का स्पष्ट कहना है कि वह मर्द भी कोई मर्द है जो शाम को पसीने में भीग कर न आये और न आये कपड़े काले कर के। जो आदमी कपड़ो को बहुत संभाल कर पहनते है और एक शर्ट को तीन तीन दिन तक चलाते है औरत की नज़र में ऐसे आदमियों की कीमत दो कौड़ी की भी नहीं होती है यही कारण है कि लेखक पति की तुलना में मेकेनिक पति को पत्नी से ज़्यादा प्यार मिलता है। महिलाओं की इस विचारधारा के चलते समाज में ऐसे पुरुषो की भी कमी नहीं है जो शाम को दफ़्तर से छुट्टी के बाद कपड़ो में धूल लगा कर घर पहुचते है। इन पुरुषो का मानना है कि जो बीवी से करे प्यार वे कपड़े मैले करने से कैसे करे इंकार।
मैं और मेरा पड़ोसी हम दोनों रोज़ाना एक दूसरे की खैरियत नहीं पूछते है। सुबह सुबह अगर हमें एक दूसरे के घर से वाशिंग मशीन चलने की आवाज़ आ जाती है तो हम समझ जाते है सब कुशल मंगल है। पहले पड़ोस में से दिन रात पति पत्नी के लड़ने की आवाज़े आया करती थी फ़िर एक दिन अचानक आवाज़े आना बंद हो गई। पता करने पर ज्ञात हुआ कि घरेलू झगड़े से परेशान होकर पड़ोसी एक बाबा के पास गए थे और उन्होंने बताया बाबा पत्नी रोज़ मेरे से झगड़ा करती है कृपया शांति के उपाय बताइये तब बाबा ने कहा था घर में एक वाशिंग मशीन ले आओ सब कुछ ठीक हो जायेगा और सही में सब कुछ ठीक हो गया।
अगर वाशिंग मशीन ख़राब हो जाये तो फिर दुनियां में इससे बड़ी और कोई समस्या नहीं हो सकती फिर आदमी के लिये इससे बड़ा और कोई तनाव नहीं होता है। जिस घर की वाशिंग मशीन ख़राब हो जाती है उस घर का आदमी दफ़्तर से छुट्टी ले लेता है,दुकानदार है तो उस दिन दुकान नहीं खोलता है,किसी कारखाने का मालिक है तो कारखाने में वेल्डिंग मशीन,ड्रिल मशीन,ग्रेंडिंग मशीन,कटर मशीन,मिक्चर मशीन ख़राब है तो उन्हें ठीक कराने की चिंता नहीं करता प्रोडक्शन मार खा रहा हो तो चलेगा। वह तो अपनी सारी क्षमता वाशिंग मशीन ठीक कराने में लगा देता है। वाशिंग मशीन के मैकेनिक भी जादुई पुतले होते है वो आने के लिये घर से निकल गए होते है, फिर कहते है रास्ते में हूं, फिर कहते है बस पहुचने वाला हूं फिर गायब हो जाते है। फ़ोन करो तो कवरेज क्षेत्र के बाहर बताया जाता है। बार बार फ़ोन करो तो कहते है मैं बिना देखे ही मशीन का प्रॉब्लम समझ गया हूं। अभी मार्केट में इसका सामान नहीं मिल रहा है सामान मिलते ही बिना बोले आ जाऊंगा आप टेंशन मत लो।
औरत के माध्यम से वाशिंग मशीन को समझा जाये इससे बेहतर है वाशिंग मशीन के माध्यम से औरत को समझना। औरत भी एक प्रकार की वाशिंग मशीन है जो समाज को साफ़ करती है जो समाज को साफ़ करती है। औरत न होती तो परिवार गंदे हो चुके होते,औरत न होती तो रिश्तों को मैला होने से कोई नहीं रोक सकता था। पुरुष के अंदर क्रोध और अहम् का कचरा है और औरत के है अंदर ममता और स्नेह की वाशिंग मशीन।