मूल कविता: जापान के जोसाई अन्तराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य कर रहे, चीन में जन्में कवि युआन तिआन द्वारा लिखित
अंग्रेजी अनुवाद: कवि डेनिस मायर द्वारा (‘PLUM-BLOSSOM RAIN’ शीर्षक)
हिन्दी अनुवाद: ब्रजेश सिंह
प्लम खिलाने वाली बारिश
प्लम खिलने के मौसम में
नहीं भिगाती बारिश उन्मुख सुगंध को
रुक रुककर गिरतीं बूंदें उत्सुक
हैं सिल्क पथ पर, लम्बे सफर को ।
पावस ने भिगोया है क्षितिज
मेरे कदमों में ओझल होने से पूर्व,
दूर पहाड़ों में समा रही अनुगूँज
जैसे विराट स्पंज एक;
लोलुप हो सोख रहा
बूंद बूंद हर एक बूंद ।
मगन हो प्रचुर स्नान से
पेड़ों के हरे रंग पर आया निखार,
बादलों की ओट से चमका आदित्य… .
चिता बनने से पहले
चिंतायें करें इंतजार,
चंद्रमा के भी अदीप्त भाग पर
कवक ने लिये उभार,
गले काठ के गर्भ ने जैसे
लिये मशरूम आकार ।