मैं लड़ता हूँ लड़ाई
मिट्टी और कुदाली से
लहूलुहान होते हुए
मैं लड़ता हूँ लड़ाई
सुलगती हुई आग से
धीरे-धीरे राख होते हुए
मैं लड़ता हूँ लड़ाई
कठिन श्रम जैसी
लगातार मृत्यु की मार से
मैं लड़ता हूँ लड़ाई
रोग, शोक, भूख
घोर दुख के खतरनाक अन्धकार से
मैं लड़ता हूँ लड़ाई
और लड़ते ही लड़ते
अन्तत:
एक दिन
चुपचाप शहीद हो जाता हूँ