“मे आई कम इन सर?”
चिरपरिचित मधुर स्वर सुन रमेश खुश होकर बोला
“यस….।” उसके अधरों पर रहस्यमयी स्मित खेलने लगी।
अंदर आने वाली युवती को देख वह चौंक गया।
“चारु ? आर यू चारु …?”
“यस…,आई एम चारुमिता,सर।” चारु ने सौम्य मुस्कान के साथ जवाब दिया।
“बट…यू आर सम..।” रमेश को सूझ नहीं रहा था कि चारु के बदले हुलिए को देख क्या टिप्पणी दे। रोज शॉर्ट ड्रेसेज में स्मार्ट,गुड लुकिंग दिखती चारु आज ऑफव्हाइट कलर की लाल चौड़े बार्डर की साड़ी में सलीके से बालों को बाँधे हुए थी। चेहरे पर अलग ही नूर था।
चारु ने एक स्टील बॉटल बैग से निकाली और रमेश के आगे रख दी। हतप्रभ रमेश पहले ही बौखलाया हुआ था।
“ये क्या है चारु ?”
“मिल्क..यह आपको पीना है।
“क्यों?” रमेश मन ही मन खुश हुआ कि शायद चारु ने उसके ऑफर को स्वीकार कर लिया है इसीलिए इतना सज सँवर कर आई है। वह दूध पीने लगा तभी चारु ने कहा,
“मेरे पड़ोसी के घर आज नागपंचमी की पूजा थी। उन्होंने बताया कि आज के दिन साँपों को दूध पिलाने से वह कभी डसते नहीं।”