यह जाने का समय है
कार्बी आंगलांग का ऐसा
कोई पत्थर का पहाड़ बताओ
जो खरीदा न गया हो
ऐसा जंगल जो जमीन के लिए
बिल्डर के लिए
धीरे-धीरे कटते हुए
बड़ी गाड़ियों में न जा रहे हों
असम की
कोई कपिली जैसी सुंदर नदी बताओ
जो ट्रकों में भर-भर कर न जा रही हो
यह जाने का समय है
जो कुछ जस तस था बचा कुचा
सब जाने को तैयार है
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सूरज तुम्हारा जीना देख रहा है
जिंदगी कितने पृष्ठों की है
और कब तक खत्म होने वाली है
मतलब पढ़ पढ़ कर।
भूख कब मरेगी
पेट के भीतर की
कब तक आग की दरकार
बाकी रहेगी
मतलब जी-जीकर, जिंदगी की चढ़ाई चढ-चढ़कर।
दुखों के मेहनतों के आंसू
व्यर्थ नहीं होंगे
मांएं स्त्रियां रहेंगी
तो करुणा नहीं जाएगी कहीं
प्रेम भी यहीं रहेगा पीड़ा हरेगा
इसी देश में इसी देह के भेष में पैर से चलेगा
तुम जिंदाबाद का गाना गाओ
काम का गाना गाओ
हाथ में श्रमिक हथियार उठाओ
इतनी निराशा भी ठीक नहीं मित्र
करो छोटे-छोटे काम धंधे करो
जिओ खेत में बीज की तरह
बथुआ की तरह गेहूं और गीत की तरह
गन्ने की आंखों की तरह
जियो जियो मेरे जीवन जिओ
मरो मत
मरने के बारे में सोचो भी मत
तुम्हारे पास अच्छी वजह है अभी जीने की
लगन की
जीते रहो जीते रहो चंद्र
सूरज तुम्हारा जीना देख रहा है
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जमीन का रंग
सरसों के फूलों में तेल आता है
एक दिन में नहीं
धीरे-धीरे आता है
जब बसंत आता है
ज़मीन सूखी होती है
पानी खोजती है पीने के खातिर
एक क्षण आता है जब
आदमी डूबता जाता है तेल की गंध में
रात हो जाती है खेत के घरों में
इतनी रात कि सरसों के फूलों पर
एक रोशनी तक नहीं दिखती
अचानक किसी रात उठो उन खेतों में धीरे-धीरे पैदल चलो
तो पाओगे कि मधुमक्खियां भुनभुनाती हैं-
मैं हूं –
हम हैं –
किसी न किसी फूल का शहद चुराते हुए
मैं भी कहीं न कहीं
जीवित हूं
तुम भी कहीं न कहीं
जीवित हो
किसी न किसी
जमीन का रंग चुराते हुए
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मेरा प्यार
गन्ने के पोर-पोर में बसा है मेरा प्यार
मुझे दांतों से काटो और चीभ लो
गन्ने के पोर-पोर में बसा है मेरा प्यार
गन्ने की आंखों-आंखों में बसा है मेरा प्यार
मेरा प्यार
जब ज़मीन में रोपा जाता
गन्ने की आंखों से उगता है
इसे अगर और ज्यादा मेहनत देता हूं
पानी देता हूं
पसीना देता हूं
कुदाल की कोड़ देता हूं
गोबर की खाद देता हूं
तो
मुझसे भी ज्यादा ऊंचा बढ़ता है मेरा प्यार
मेरा प्यार गन्ने का देश है
मेरा प्यार गन्ने का रसदार दूध है
गन्ने का बागान है मेरा देश
बहुत बहुत मेहनत और बहुत बहुत मेहनत के बाद
बहुत बहुत इंतजार के बाद
देश के खेत में तैयार है गन्ना
मेरा पेट हाजिर है
इस बागान में हजीरा मजूरी करने के लिए