बच्चे खुश हैं और चहक रहे हैं। सभी के बस्ते बंद हैं क्योंकि आज पढ़ने का दिन नहीं बल्कि बाल सभा में चुटकुले और कविताओं का दिन है। स्कूल की वर्दी में अलग-अलग बच्चे एक जैसे दिख रहे हैं। छोटे छोटे मासूम पक्षियों की तरह, जैसे हंसों का झुंड तैरता हुआ, पानी में कलरव करता हुआ। कक्षा में शिक्षक आज क्रोध में नहीं बल्कि प्रसन्न दिख रहे हैं। उन्होंने रोल नंबर एक को बुलाया। यह बहुत अच्छा बच्चा है, पढ़ाई में होशियार है और सबसे साफ सुथरा भी है।
“तुम कोई कविता सुनाओ?” अध्यापक ने उत्साह वर्धन करते हुए कहा।
बच्चा पहले से ही जोश में था, उसने ऊंची आवाज में कविता सुनाना शुरू किया, “मोटू सेठ सड़क पर लेट
आई गाड़ी फट गया पेट
गाड़ी का नंबर एटी एट
गाड़ी पहुंची इंडिया गेट
इंडिया गेट से आई आवाज
चाचा नेहरू जिंदाबाद!”
सभी बच्चे जोश के साथ कविता की पंक्तियों को दोहरा रहे थे। एक बच्चे को छोड़कर, जब वह कविता सुन रहा था तो वह थोड़ा घबरा गया था। उसके चेहरे पर डर दिखाई देने लगा था। उसने अपने बगल में बैठे अपने सहपाठी से पूछा, “अगर उसका पेट फट गया तो क्या वो मर गया?“
सहपाठी को यह बात कविता से भी अधिक मनोरंजक लगी, उसने उसकी जांघ पर थप्पड़ मारा और कहा, “हट पागल।“
बच्चा कुछ भी समझ नहीं पाया। अन्य सभी बच्चे खुश और वातावरण में रमे थे, वे सभी आकाश में उड़ने वाले पक्षियों के विशाल झुंड की तरह थे, जो मस्ती में झूम रहे थे। शिक्षक ने अब एक लड़की को उठाया, यह लड़की कक्षा के सबसे रईस बच्चों में से एक थी , उसकी रईसी उसके पहनावे, तमीज और बात करने के सलीके झलकती है, वास्तव में वह इस कक्षा की राजकुमारी की तरह है, लड़की ने एक कविता सुनानी शुरू की –
“तितली उड़ी, बस में चढ़ी
सीट न मिली, रोने लगी,
ड्राइवर कहता आजा मेरे पास
तितली बोली हट बदमाश”
सभी बच्चे ताली बजाने लगे, लेकिन छोटा लड़का अभी भी परेशान था, विस्मय में चारों ओर देखते हुए, उसने अपने सहपाठी से फिर पूछा, “यह ड्राइवर तितली को क्यों छेड़ता है?”
सहपाठी को अब और भी अधिक मज़ा आया, उसने अपनी कोहनी को उसकी कमर में जोर से मारा और हंसते हंसते पेट के बल हो गया, बच्चे को कमर में दर्द हो रहा था, लेकिन इससे भी अधिक दर्द उसके दिल और दिमाग में हो रहा था।
“सर जी, मैं एक चुटकुला सुनाऊं?”, तीसरी पंक्ति में बैठे एक लड़के से पूछा। यह लड़का कक्षा में पढ़ाई में सबसे पीछे और शरारत में सबसे आगे है, कक्षा में शोर करने वाले बच्चों में सबसे ऊपर।
“हाँ बिल्कुल, तू भी कोई अच्छा चुटकुला सुना।” अध्यापक जी ने स्वीकृति देते हुए कहा।लड़के ने चुटकुला सुनाना शुरू किया –
एक लड़का अपनी माँ से कहता है, “मम्मी, आपने मुझसे झूठ बोला।“
माँ, “कब, बेटा?”
“मम्मी आप कहती थीं कि मेरी छोटी बहन परी है? “
“हाँ, बेटा?” “
“झूठ मत बोलो माँ, मैंने उसे छत से नीचे फेंक दिया पर वह उड़ ही नहीं पाई।“
माँ, “हाय, कहां फेंक आया लड़की को?”
पूरी क्लास हंस रही है और हंस हंस कर पेट के बल हो रही है,
लेकिन लड़का और भी परेशान हो गया, मानो वह रोने ही वाला था। उसने अपने सहपाठी से पूछा, “क्या उसकी बहन को बहुत चोट लग गई? “
सहपाठी का चुटकुले का आनंद बर्बाद हो गया, उसने गुस्से में बच्चे को धक्का दे दिया और कहा, “जा भाग यहां से।“
बच्चा अवाक रह गया।
“अब और कौन चुटकुला या कहानी सुनाएगा?” शिक्षक ने बच्चों से पूछा।
“सर, क्या मैं एक चुटकुला सुना सकता हूँ?” कक्षा में सबसे मजबूत बच्चे ने हाथ खड़ा कर के पूछा।
यह बच्चा कक्षा का सबसे मजबूत बच्चा है और अघोषित रूप से वह पूरी कक्षा पर विशेषकर कक्षा के लड़कों पर शासन करता है,
“हाँ, जरूर, तू भी कोई अच्छा चुटकुला सुना” शिक्षक ने प्रोत्साहित किया।
बच्चे ने उत्साह भरी आवाज में चुटकुला शुरू किया –
“एक बार तीन नशेड़ी बैठे थे और आपस में बात कर रहे थे। पहले नशेड़ी ने कहा, ‘भाई, मैं अब गाँव के बाहर जमीन खरीद लूंगा और खेती शुरू कर दूंगा।“
“भाई, तुम किस फसल की खेती करोगे? दूसरे नशेड़ी ने पूछा।
“मैं गन्ने की खेती करूंगा,” पहले नशेड़ी ने कहा, “और मैं गन्ने की फसल बेचकर बहुत पैसा कमाऊंगा।“
“भाई तुम गन्ने की खेती करके पैसा नहीं कमा सकते,” तीसरे नशेड़ी ने कहा
“तुमने ये क्यों कहा? पहले वाले ने पूछा।
“और नहीं तो क्या, गांव वाले तेरे खेत में गन्ने को रहने देंगे क्या, वे तो पूरे खेत से गन्ने उखाड़ उखाड़ कर चूसने के लिए ले जाएंगे,” तीसरे नशेड़ी ने कहा।
“गांव वालों की इतनी हिम्मत?, उन्हें सबक सिखाना ही पड़ेगा,” पहले नशेड़ी ने गुस्से में कहा।
“क्यों ना हम पूरे गाँव को आग लगा दे,” दूसरे ने कहा।
“हाँ, चलो गाँव को आग लगा देते हैं,” तीसरे नशेड़ी बोला।
तीनों नशेड़ियों ने मिलकर गाँव को आग लगा दी और एक टीले पर चढ़ गए और जोर से चिल्लाने लगे, और चूसो गन्ने, और उखाड़ो गन्ने।
कक्षा में जोर से हँसी फैल गई, बच्चे हँस रहे थे और अत्यधिक आनंद में थे, शिक्षक भी हँस रहा था, अचानक वो छोटा लड़का जोर से रोने लगा और लगभग चिल्लाते हुए बोला, “सर जी, क्या आग में सारे गांव वाले जल गए? “
सभी बच्चे और शिक्षक विस्मय से उस बच्चे को देखने लगे। एक पल के लिए कक्षा में सन्नाटा छा गया। शिक्षक ने अपने माथे पर त्यौरी चड़ाई और जोर से पूछा, “क्या कहा तुमने?” और शिक्षक जोर-जोर से हँसने लगा। बाकी कक्षा भी जोर-जोर से हँसने लगी।
बच्चा बिल्कुल नहीं समझ पाया कि सब लोग क्यों हँस रहे हैं। वह समझ नहीं पाया, छेड़छाड़, हिंसा और लिंग भेद जैसे अपराध हमारे चुटकुलों और बाल कविताओं में इतने सरल तरीके से प्रस्तुत किए जाते हैं कि यह किसी को अपराध की तरह प्रतीत ही नही होते हैं। बल्कि इस हिंसा, यौन अपराध और लिंग भेद पर आधारित चुटकुलों का आनंद लिया जाता है।
बाकी बच्चों और शिक्षक को एक जीता जागता चुटकुला मिल गया था। आकाश में उड़ने वाले पक्षियों का झुंड, अब जंगली भेड़ियों के झुंड में बदल गया था। जिनके हाथों में अचानक एक शिकार लग गया है और सभी की निगाहें उस पर लगी हुई हैं। बच्चे को सब ने ऐसे घेर लिया था जैसे भेड़ियों का झुंड अपने शिकार को घेर लेता है।
लिंग भेद, यौन अपराध और हिंसा के वार सहता खून से लथपथ एक चुटकुला जमीन पर गिरा हुआ है।