नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन
सौरभमयी हो जैसे चंदन
हो सब के मन में उजियारा
नव वर्ष में बरसे सुख धारा
तेरे आने पे सब खुश हों
जाये न भूख से कोई मारा
जन-जन में कभी न हो क्रंदन
नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन
अब करे न कोई घोटाला
आतंक पे लग जाये ताला
सब दृढ निश्चय से तन्मय हों
हो राष्ट्र-प्रेम का मतवाला
करते धरती-माँ का वंदन
नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन
सब जग में हो भाईचारा
मन-मंदिर में हो उजियारा
सब लोग द्वेष से दूर रहें
नयनों में प्रेम की हो धारा
ऊसर बन जाये नंदन-वन
नव वर्ष तुम्हारा अभिनंदन