छन्द-संसार
कुंडलियाँ
नारी कल भी देह थी, नारी अब भी देह।
होगा …
परिचय :
जन्मस्थान- अलवर (राजस्थान)
शिक्षा- एम.ए. (राजनीति विज्ञान), बी.एड.
सम्प्रति- अध्यापन
प्रकाशन- साझा संग्रह 'दोहा दर्पण' व 'दोहा एकादशी' में दोहे और 'कविता के नवरत्न' में कुण्डलियाँ प्रकाशित
सम्पर्क- इन्द्रा कॉलोनी, वार्ड नं.-1, जोबनेर, जयपुर (राजस्थान)
परिचय :
जन्मस्थान- अलवर (राजस्थान)
शिक्षा- एम.ए. (राजनीति विज्ञान), बी.एड.
सम्प्रति- अध्यापन
प्रकाशन- साझा संग्रह 'दोहा दर्पण' व 'दोहा एकादशी' में दोहे और 'कविता के नवरत्न' में कुण्डलियाँ प्रकाशित
सम्पर्क- इन्द्रा कॉलोनी, वार्ड नं.-1, जोबनेर, जयपुर (राजस्थान)
छन्द-संसार
कुंडलियाँ
नारी कल भी देह थी, नारी अब भी देह।
होगा …
छन्द-संसार
कुण्डलिया छन्द
पोखर, जोहड़, बावड़ी, बाकी बस दो -चार।
मानव बनकर …
ग़ज़ल-गाँव
ग़ज़ल-
याद तुम्हारी दिल के अन्दर दब जाए तो अच्छा हो…
गीत-गंगा
हे शतरूपा, हंसवाहिनी
हे शतरूपा, हंसवाहिनी,
विद्या का वरदान हमें दो।…