
कविता-कानन
ये दीवाली है या वो दीवाली थी…?
जेबों भर खील बताशे …
परिचय :
नाम - प्रीति समकित सुराना
जन्मतिथि - 22 /01 /1976
वर्तमान निवास -वारासिवनी,जिला-बालाघाट (मध्यप्रदेश)
शिक्षा - बी.कॉम., एम.कॉम.
कार्यक्षेत्र - व्यवसाय
अब तक की साहित्य यात्रा-
1) प्रथम प्रकाशित रचना मंदसौर के 'क्रांतिकारी रिपोर्टर' नामक समाचार पत्र मे,
2) 2 र
परिचय :
नाम - प्रीति समकित सुराना
जन्मतिथि - 22 /01 /1976
वर्तमान निवास -वारासिवनी,जिला-बालाघाट (मध्यप्रदेश)
शिक्षा - बी.कॉम., एम.कॉम.
कार्यक्षेत्र - व्यवसाय
अब तक की साहित्य यात्रा-
1) प्रथम प्रकाशित रचना मंदसौर के 'क्रांतिकारी रिपोर्टर' नामक समाचार पत्र मे,
2) 2 रचनाएं ‘मनमीत’ मासिक पत्रिका के नारी विषेशांक में
3) 170 से अधिक रचनांए भोपाल के 'लोकजंग' समाचार पत्र में
4) 25 अधिक रचनांए नई दिल्ली के 'लोकसत्य' समाचार पत्र के साहित्य परिशिष्ट में
5) 15 से अधिक रचनाएं लखनऊ के जयविजय (युवा सुघोष) मासिक पत्रिका में
6) 3 रचनाएं दिशेरा टाइम्स लखनऊ में
7) 1 रचना “अभिव्यक्ति” लखनऊ में
अन्य कई स्थानीय पत्र पत्रिकाओ में रचनाएं प्रकाशित
प्रकाशित किताबे –
1) "मन की बात"
2) "मेरा मन"
3)"सपनो के डेरे" (साझा कविता संग्रह)
4)"एहसासों की पंखुरियां" (साझा कविता संग्रह)
संपादित किताब - "सपनो के डेरे" (साझा कविता संग्रह)
वर्तमान पता - सुराना फैशन 15-नेहरू चौक,
वारासिवनी जिला-बालाघाट (मध्यप्रदेश) 481331
संपर्क -दूरभाष -09424765259
ईमेल-pritisamkit@gmail.com
कविता-कानन
ये दीवाली है या वो दीवाली थी…?
जेबों भर खील बताशे …
ज़रा सोचिए
क्या ख़ुद को बदलना होगा?
एक विचार जो सोचने पर …
ज़रा सोचिए
सुख के सब साथी, दुःख में न कोय
नमस्कार!
लीजिये …
अति सर्वत्र वर्जयेत
आज यूं ही बैठे-बैठे एक विचार आया कि अक़्सर …
ज़रा सोचिए
औपचारिकता
आप सब से बातें करते-करते एक अपनापन महसूस किया …
क्या रिश्तों में अपेक्षा अनपेक्षित है?
अक़्सर पढ़ा और सुना कि सुखी …
ज़रा सोचिये
अकेलापन कमज़ोरी नहीं है
आज हर तरफ मायूसी, कोफ़्त, गुस्सा, …
ज़रा सोचिये
इंसानियत का बीजारोपण
कभी सोचा है हमारे आसपास कितने भूखे …
बदलता मौसम और बदलते लोग
“मौसम बदल रहा है दोस्तो अपना खयाल …
क्या कल्पनायें करना अपराध है?
हाँ! ये सच है कि मैं दोषी …