मिर्च ख़ासी तीख़ी ही होनी चाहिए
तांत की साड़ी रखे-रखे
तहों से …
परिचय :
सम्प्रति- विद्युत विभाग, आगरा में कार्यरत
विशेष- अनेक सामुहिक एवं एकल चित्र प्रदर्शनी देश के प्रतिष्ठित कला वीथिकाओं में लग चुकी हैं। वह इस क्षेत्र में कई पुरुस्कार प्राप्त कर चुकीं हैं।
प्रकाशन- साझा काव्य संग्रहों '100 कदम' व 'अहसास की दहलीज़ पर' में रचनाएँ प्रकाशित।
ई-पत्रिका 'अल्फ़ाज़' एवं कुछ समाचार पत्रों में कविताएँ प्रकाशित।
परिचय :
सम्प्रति- विद्युत विभाग, आगरा में कार्यरत
विशेष- अनेक सामुहिक एवं एकल चित्र प्रदर्शनी देश के प्रतिष्ठित कला वीथिकाओं में लग चुकी हैं। वह इस क्षेत्र में कई पुरुस्कार प्राप्त कर चुकीं हैं।
प्रकाशन- साझा काव्य संग्रहों '100 कदम' व 'अहसास की दहलीज़ पर' में रचनाएँ प्रकाशित।
ई-पत्रिका 'अल्फ़ाज़' एवं कुछ समाचार पत्रों में कविताएँ प्रकाशित।
मिर्च ख़ासी तीख़ी ही होनी चाहिए
तांत की साड़ी रखे-रखे
तहों से …
अष्टरंग
पहली बात जन्म ही नहीं
चाहिए था
मिला तो मिला
दूजी …
यात्रा-वृत्तान्त
सफ़र के अफ़साने: भूटान यात्रा का संस्मरण
– पूनम भार्गव ज़ाकिर…
कविता-कानन
शून्यकाल
हवा सुखाती नहीं
बिखरा और बहता रक्त
मिट्टी इतनी गीली …