कविता-कानन
स्मृतियाँ
गहरे हृदय-सागर तल में
बिखरी पड़ी हैं
सीपियों-सी
स्मृतियाँ
लोहे …
परिचय :
संप्रति- वरिष्ठ साहित्यकार, निशुल्क विधिक सलाहकार, जिला-न्यायाधीश से.नि.
जन्मतिथि- 09 फरवरी, 1946
जन्म दि. 9 फरवरी 1946, जोधपुर
शिक्षा- बी.ए. एलएल.बी.
प्रकाशन-
गद्य-पद्य की कुल तेरह पुस्तकें प्रकाशित। दो कहानी संग्रह ‘पीड़ा के स्वर‘ एवं ‘अंर्तध्वनि‘। दो लघुकथा-संग्रह ‘अक
परिचय :
संप्रति- वरिष्ठ साहित्यकार, निशुल्क विधिक सलाहकार, जिला-न्यायाधीश से.नि.
जन्मतिथि- 09 फरवरी, 1946
जन्म दि. 9 फरवरी 1946, जोधपुर
शिक्षा- बी.ए. एलएल.बी.
प्रकाशन-
गद्य-पद्य की कुल तेरह पुस्तकें प्रकाशित। दो कहानी संग्रह ‘पीड़ा के स्वर‘ एवं ‘अंर्तध्वनि‘। दो लघुकथा-संग्रह ‘अक्षय तूणीर एवं ‘कितना कारावास‘। दो निबंध संग्रह- ‘आस्था के आयाम‘ व ‘धरा पर इंद्रधनुष‘। एक काव्य-संग्रह ‘हैलो बसंत‘। चार बालकथा-संग्रह,‘ पर्यावरण चेतना की बाल कथाएं‘ं,‘चरित्र विकास की बाल कहानियां‘ ‘जल और कमल‘, व ‘अबु टॉवर‘, एक बाल गीत संग्रह ‘चींटी का उपकार‘।मेरे बाल साहित्य पर केंद्रित संपादक अंजीव अंजुम की पुस्तक ‘मुरलीधर वैष्णव की चुनिंदा बाल कथाएं‘ 2018, एवं मुझ पर केंद्रित‘सलिला‘ बाल साहित्य पत्रिका वार्षिक अंक 2021.
प्रकाशनाधीन -दूसरा काव्य-संग्रह एवं तीसरा लघुकथा संग्रह
राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में दर्जनों कहानियां, लघुकथाएं, कविताएं व आलेख प्रकाशित व सतत प्रकाशन। अंग्रेजी व राजस्थानी में कुछ कविताएं। अंग्रेजी में अनेक आलेख राष्ट्र्र्रीय व अंतर्राष्टीय पत्रिका व जर्नल्स में प्रकाशित।
सम्मान-
राजस्थान साहित्य अकादमी विशिष्ट साहित्यकार सम्मान,2012, राष्ट्र स्तरीय राजस्थान पत्रिका सृजनात्मक साहित्य पुरस्कार (श्रेष्ठतम कहानी)2002, राज्य स्तरीय ‘कथा‘ साहित्यिक एवं संस्कृति द्वारा कथा,लघुकथा व बाल कहानियों पर प्रदत्त सम्मान, 2020, सुमित्रा नंदन पंत बाल साहित्य सम्मान, 2011 अल्मोड़ा, शब्द-निष्ठा लघुकथा सम्मान,2017 अजमेर, सर्जनात्मक संतुष्टि संस्थान लघुकथा पुरस्कार, जोधपुर, अखिल भारतीय साहित्य परिषद पाली द्वारा ‘विष्णु प्रसाद चतुर्वेदी लघुकथा सम्मान‘ 2021, वीर दुर्गादास राठौड़ साहित्य सम्मान,मेहरानगढ़,जोधपुर 2009, साहित्य मंडल, नाथद्वारा द्वारा ‘हिन्दी भाषा भूषण’ सम्मान 2014, सहित करीब एक दर्जन सम्मान/पुरस्कार।
संपर्क -
ए-77, रामेश्वर नगर, बासनी-प्रथम, जोधपुर-342005
कविता-कानन
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गहरे हृदय-सागर तल में
बिखरी पड़ी हैं
सीपियों-सी
स्मृतियाँ
लोहे …