रचना समीक्षा
हांडी का एक चावल: डॉ विनय भदौरिया के एक गीत …
परिचय :
जन्मतिथि- 25 दिसम्बर, 1970 ई.
जन्मस्थान- बामौरकलां, शिवपुरी (म.प्र.)
शिक्षा- स्नातकोत्तर (अंग्रेज़ी)
सम्प्रति- सीगल लैब इंडिया (प्रा.) लि. में एरिया सेल्स मैनेजर
प्रकाशन/प्रसारण- गीत संग्रह 'एक बूँद हम' प्रकाशित
साक्षात्कार, वर्तमान साहित्य, प्रेस मैन, वर्तिका, उत्तरायण,
परिचय :
जन्मतिथि- 25 दिसम्बर, 1970 ई.
जन्मस्थान- बामौरकलां, शिवपुरी (म.प्र.)
शिक्षा- स्नातकोत्तर (अंग्रेज़ी)
सम्प्रति- सीगल लैब इंडिया (प्रा.) लि. में एरिया सेल्स मैनेजर
प्रकाशन/प्रसारण- गीत संग्रह 'एक बूँद हम' प्रकाशित
साक्षात्कार, वर्तमान साहित्य, प्रेस मैन, वर्तिका, उत्तरायण, नए पाठक, साहित्य समीर, हरिगंधा, साहित्य सागर, संकल्प रथ, सार्थक, अक्षरा, अक्षर शिल्पी, समय के साखी, मसि कागद, अछूते संदर्भ, अर्बाबे- क़लम, समावर्तन, नई ग़ज़ल, वीणा, शिवम् पूर्णा एवं अन्य प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का नियमित प्रकाशन। दूरदर्शन एवं आकाशवाणी से रचनाएँ प्रसारित।
'धार पर हम-2' (सम्पादक- वीरेन्द्र 'आस्तिक') एवं 'नवगीत नई दस्तकें' (सम्पादक- निर्मल शुक्ल) शोध-सन्दर्भ ग्रन्थ में गीत संग्रहीत।
सम्मान-
मध्य प्रदेश के महामहीम राज्यपाल द्वारा सार्वजनिक नागरिक सम्मान (2009)
शिरढोणकर स्मृति सम्मान (2009)
म. प्र. लेखक संघ का रामपूजन मलिक नवोदित गीतकार-प्रथम पुरस्कार (2010)
अ.भा. भाषा साहित्य सम्मेलन का साहित्यसेवी सम्मान (2010)
साहित्य सागर का राष्ट्रीय नटवर गीतकार सम्मान (2011)
लखनऊ की मासिक पत्रिका राष्ट्रधर्म का राष्ट्रधर्म गौरव सम्मान (2013)
कानपुर की ख्यात संस्था मानसरोवर संस्था का गीत गौरव सम्मान (2013)
शिवपुरी की मासिक पत्रिका नई ग़ज़ल की ओर से गिरिजाशंकर नवगीत सम्मान (2014)
भोपाल में आयोजित राजेश रसगुल्ला स्मृति सम्मान (2015)
निर्दलीय प्रकाशन का राष्ट्रीय छंद विधा अलंकरण (2015)
मुरादाबाद का आरोही कला संस्थान का शब्द शिल्पी सम्मान (2016)
काव्यालोक का प्रतिष्ठित कीर्तिशेष दिनेश सिंह स्मृति सम्मान (2016)
सम्पर्क- सी.एम.- 13, इन्दिरा कॉलोनी,
बाग़ उमराव दूल्हा, भोपाल- 462010 (म.प्र.)
रचना समीक्षा
हांडी का एक चावल: डॉ विनय भदौरिया के एक गीत …
गीत-गंगा
ऐसा भी दिन आएगा
हाथ मलेगा शीश धुनेगा,
रह रह कर …
गीत-गंगा
नवगीत
(1)
उनसे प्यार
करूँ
मन का हिरन
कुलांचें भरता
कैसी- …
गीत-गंगा
दीवाली आई
स्वर्णिम किरण
धरा पर उतरी
जी भर मुस्काई।
दीवाली …
छंद-संसार
दोहे
कहने में अब डर लगे, किसको कह दूँ खास।
खण्ड …
गीत-गंगा
नवगीत- दीप जलता रहे
नेह के
ताप से
तम पिघलता रहे,…
छंद-संसार
दोहे
मौला मैं बस कर सकूँ, इतनी सी पहचान।
कण-कण में …
गीत-गंगा
नवगीत- देख रहा हूँ
चाँद सरीखा
मैं अपने को
घटते देख …