सावन झूले,
हम कहाँ हैं भूले,
मन में डोले
इंद्रधनुष
बिखेरे सात …
परिचय :
जन्मतिथि- 30 जुलाई
जन्म स्थान- कोटा (राजस्थान)
शिक्षा- एम.ए. एम.फिल. (हिन्दी साहित्य), पत्रकारिता
सम्प्रति- सेवा-निवृत्त, स्वतंत्र भाषा-परामर्शक, ऑनलाइन हिन्दी-सेवा
प्रकाशन- बोनसाई संवेदनाओं के सूरजमुखी, शब्दों के देवदार, हथेलियों में सूरज (काव्यसंग्रह)
'संतकवि आनंदधन एवं
परिचय :
जन्मतिथि- 30 जुलाई
जन्म स्थान- कोटा (राजस्थान)
शिक्षा- एम.ए. एम.फिल. (हिन्दी साहित्य), पत्रकारिता
सम्प्रति- सेवा-निवृत्त, स्वतंत्र भाषा-परामर्शक, ऑनलाइन हिन्दी-सेवा
प्रकाशन- बोनसाई संवेदनाओं के सूरजमुखी, शब्दों के देवदार, हथेलियों में सूरज (काव्यसंग्रह)
'संतकवि आनंदधन एवं उनकी पदावली' शोध प्रबंध प्रकाशित
नई धरती-नया आकाश, पछुंआ के हस्ताक्षर, गवाक्ष, एकता का संकल्प, जलते दीप, संवेदना के स्वर, शब्द-पखेरू, स्वर्ण आभा-गुजरात, कविता अनवरत-2, कलाम को सलाम, कविता अनवरत- 2016, अमृत-कलश, कविता अनवरत-2 (2016) इत्यादि करीब 20 साझा संकलनों में रचनाएँ प्रकाशित
बालकों के लिए कहानी और कविता नंदन आदि कई बाल-पत्रिकाओं में प्रकाशित
संपादन- जेसीस पत्रिका
अनुवाद- ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित राजेन्द्र शाह की कुछ गुजराती कविताओं का हिन्दी अनुवाद जो साहित्य अकादमी गुजरात द्वारा प्रकाशित पुस्तक में संकलित हैं
पद्मश्री हक्कू भाई शाह के बाल साहित्य का गुजराती से हिन्दी में अनुवाद किया, जो इंदिरा गांधी बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित हुआ है
स्वयं की कुछ रचनाओं का सिंधी, राजस्थानी और गुजराती भाषा में अनुवाद प्रकाशित
उपलब्धियाँ- 'सन डे इंडिया' द्वारा प्रकाशित भारत की मुख्य 111 लेखिकाओं की सूची में नाम सम्मिलित (4 सित. 2011, सम्पादक अरिंदम चौधरी)
'साहित्य समर्था' त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका द्वारा 'अखिल भारतीय डॉ. कुमुद टिक्कू कविता प्रतियोगिता 2016' हेतु स्तरीय कविता में रचना पुरस्कृत और सम्मानित
सम्मान/ पुरस्कार- 'हिन्दी साहित्य अकादमी गुजरात' द्वारा श्रेष्ठ शोध-प्रबंध हेतु पुरस्कार
विभिन्न सामाजिक और साहित्यिक संस्थाओं द्वारा समय-समय पर सम्मानित
आकाशवाणी और दूरदर्शन से समय-समय पर रचनाएँ प्रसारित
स्थायी पता- 38, गोकुलनगर, बोहरा गणेश जी मंदिर के पास,
आयड-रोड, उदयपुर (राज.)
वर्तमान पता- K-1002, Orchard, Godrej garden city,
B/H Nirma university, Jagatpur,
Ahmadabad- 382470
सावन झूले,
हम कहाँ हैं भूले,
मन में डोले
इंद्रधनुष
बिखेरे सात …
माँ एक शब्द
समाया है ब्रह्माण्ड
अक्षरधाम
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गर्भ का चाक
गढ़ती …
मिटे शिकवे
धागों ने बाँधा प्यार
बहना जीती.
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भाई बहन
सिक्के …
[धृतराष्ट्र(जनता) को संजय(पत्रकार) द्वारा दिव्य-दृष्टि से बताए कुछ शब्द-चित्र]
अद्य भारत : …
1- ग्रीष्म तपन,
गुलमोहर हँसे,
रक्ताभ दंत.
2- सूरज तपे,
सूखे नदिया-नाले,…