गीत-गंगा
कितना खोया कितना पाया
उड़ते-उड़ते पंछी कितनी दूर निकल आया
नदिया, …
परिचय :
पिता- महेश चंद्र सक्सेना
माता- रीता सक्सेना
पति- अंजुल खरे
जन्मतिथि- 29 जनवरी, 1990
शिक्षा- बी. टेक
सम्प्रति- स्वतंत्र लेखन, कवर डिजायनिंग, चित्रकारी
प्रकाशन- है छिपा सूरज कहाँ पर (नवगीत संग्रह), दिखते नहीं निशान (दोहा संग्रह) प्रकाशित।
संपादन- दोहे के सौ रंग
परिचय :
पिता- महेश चंद्र सक्सेना
माता- रीता सक्सेना
पति- अंजुल खरे
जन्मतिथि- 29 जनवरी, 1990
शिक्षा- बी. टेक
सम्प्रति- स्वतंत्र लेखन, कवर डिजायनिंग, चित्रकारी
प्रकाशन- है छिपा सूरज कहाँ पर (नवगीत संग्रह), दिखते नहीं निशान (दोहा संग्रह) प्रकाशित।
संपादन- दोहे के सौ रंग (सौ रचनाकारों का सम्मिलित दोहा संग्रह)
'गुनगुनायें गीत फिर से', 'दोहा दर्शन', 'कवयित्री सम्मेलन', 'मीत के गीत', 'हिंदी ग़ज़ल के युवा चेहरे', 'हिंदी ग़ज़ल का बदलता मिज़ाज', 'नयी सदी के नये गीत', 'दोहा मंथन', 'गुनगुनाएँ गीत फिर से-2', '101 महिला ग़ज़लकार', 'काव्य उपवन', 'कुछ ग़ज़लें कुछ गीत', नयी पीढ़ी के गीत, बूँद-बूँद में सागर, नवगीत का मानवतावाद, गुनगुनायें गीत फिर से-3 आदि समवेत संकलनों में रचनाएँ प्रकाशित।
गीत, नवगीत, ग़ज़ल, दोहों का देश भर की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशन।
सम्मान- नवगीत साहित्य सम्मान (नवगीतकार रामानुज त्रिपाठी स्मृति मंच) सहित विभिन्न सम्मानों से सम्मानित।
स्थायी संपर्क- एफ-652, राजा जी पुरम, लखनऊ (उ.प्र.)- 226017
वर्तमान संपर्क- मकान संख्या- 212 ए-ब्लाॅक, सेंचुरी सरस अपार्टमेंट, अनंतपुरा रोड, यलहंका, बैंगलोर (कर्नाटक)- 560064
गीत-गंगा
कितना खोया कितना पाया
उड़ते-उड़ते पंछी कितनी दूर निकल आया
नदिया, …
छन्द-संसार
नारी पर दोहे
खुशियों का गेरू लगा, रखती घर को लीप।…
छन्द-संसार
दोहे
तपने लगी वसुंधरा, करती करुण पुकार।
यह विकास का पथ …
छन्द संसार
दोहे
तपने लगी वसुंधरा, करती करुण पुकार।
यह विकास का …
गीत-गंगा
गीत-
पतझर-सा यह जीवन जो था
शांत, दुखद, बेहाल।
उसमें तुम …