रात भर जागना फिर सहर देखना
उसके जादू में कितना असर देखना
चाहना जो उसे चाहना उम्र भर
देखना जो उसे आँख भर देखना
चाँदनी रात में भी निकलता है जो
ऐसे जुगनू की हिम्मत के पर देखना
नींद आती है पर ख़्वाब आते नहीं
हमको किसकी लगी है नज़र देखना
भूखे बच्चों का दाना है लेने चली
आज मिल जाए चिड़िया को दर देखना
ऐसा दिलकश कोई और मंज़र कहां
माँ के आँचल में बच्चों के सर देखना
पाँव के आबले क्या ही रोकेंगे अब
चलने वालों का अज़्म-ए-सफ़र देखना
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