कविता-कानन
ख़्वाबों के लिंग भेद
माचिस बेचने वाली लड़की की कहानी में
लड़की हर बार जब तीली जलाती है तो देखती है एक ख़्वाब
माचिस की तीली जलाना उतनी ही रोशनी देता है
जितनी रोशनी हमें एक ख़्वाब देख दिखाता है
एक क्षण की रोशनी, एक क्षण का ख़्वाब
पर वह ख़्वाब बो देते है अंतर्मन कहीं नीचे में अपने बीज, जैसे
सिंड्रेला की कहानी हो या फिर स्नो वाइट की भी
बीज देती है सपना, जो
पोषित करता ख़ूबसूरत दिखने की चाह और
अवचेतन में हर लड़की के मन में राजकुमार का
जो देता है उसे निकाल, उसकी तमाम मुश्किलों से
और ले जाता सुखद अंत की ओर
पर लड़कों के सपने
ऐसी राजकुमारियाँ नहीं खोजते, जो उनकी मदद करने आगे आए
उन्हें हासिल करने होते हैं अलादीन के चिराग,
फतह करने होते हैं मीलों फैले समंदर,
और करना होता है हज़ारों राक्षसों का अंत
और मिटाने होते हैं तमाम तिलिस्म
नायक की अवधारणा को पोषित करते हुए
अगर किसी सपने में कोई जलपरी किसी डूबते राजकुमार को बचाती भी है
तो वह गूंगी हो जाती है, राजकुमार को बता पाने में असमर्थ
ताकि सपनों और कहानियों में बचा रहे और बना रहे
नायक के नायक होने का ख़्वाब
तमाम परी कथाओं में सपनों के यह लिंग भेद बने रहते हैं
पर माचिस बेचने वाली लड़की के सपने,
जिसमें वह देखती है खाने को अच्छे स्वादिष्ट व्यंजन,
ठंड के मौसम में जलता अलाव वह बेहतरीन गर्म कपड़े
और अपने परिवार के लोगों का साथ
यह सपने तोड़ देते हैं लिंग भेद को
क्योंकि हर लड़की और हर लड़के के सपनों के समापन
तमाम मुश्किलों को चीर
ढेर सारे पैसे, बड़े-बड़े महलों, ऐश्वर्य और अपनों का साथ के साथ ही बढ़ते हैं
अपने सुखद अंत की ओर
और फिर इससे अधिक ख़्वाबों को क्या कुछ और चाहिए!
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अनुत्तीर्ण प्रेम
बे-मायने होगा
एक लड़के से तबदील हुए पूरुष से पूछना
कि क्या वह प्रेम में पड़ा किसी लड़की के
और फिर
उसकी प्रेम कहानियों की दफ्न हुई दीवार में से
खोदकर तलाशना पहले
पहले के बाद दूसरे, तीसरे या चौथे प्रेम की दास्तान को
वैसे ही
जैसे किसी प्रश्न पुस्तिका में दिए क्रमवार प्रश्नों के उत्तर खोजें जाते हैं
और प्रेम को बना देना किसी सांख्यिकी का खेल
उससे भी बुरी बात है
अलग-अलग समय में रही उसकी प्रेमिकाओं में से
किसी एक में तलाशना मोनालिसा की मुस्कान को
या फिर दूसरी की आँख में खोजना मृग की चपलता, और किसी और के,
जिस्म के उभारों और गहराइयों को जानने की इच्छा रखना
और रख देना प्रेम को किसी आर्ट गैलरी में
किसी चित्रकार का चित्र बनाकर
या मूर्तिकार की बनाई आकर्षक मूर्ति
हास्यास्पद है
एक तरफा, दो तरफा, त्रिकोणीय या चतुर्भुज प्रेम की बात
ये प्रेम है या कोई ज्यामिति की प्रमेय
और सबसे बड़ी बेवकूफी की बात
न्यायाधीश बन
किसी भी प्रेम कहानी को हार और जीत की कसौटी पर तोलना
प्रेम पाने के लिए नहीं होता
और प्रेम में खोना कुछ होता नहीं
फिर भी अगर कभी
जानना ही चाहो
किसी की प्रेम कहानी में से कुछ
तो पूछ लेना कि अचानक अगर
चाहे वर्षों के अंतराल पर ही
सामने आ जाए वह शख्स जिससे कभी प्रेम था
जीवन की विकट परिस्थितियों से घिरा
क्या अब भी इच्छा पैदा हुई
अपना सर्वस्व लुटा कर भी उसे मुश्किल से बाहर निकालने की
यदि जवाब ना हो तो समझ जाइएगा
वह एक अनुत्तीर्ण प्रेम भर था
जानना चाहते हो क्यों
क्योंकि इस पूरी कायनात में सिर्फ
एक प्रेम में पागल हुआ व्यक्ति ही
अपना सर्वस्व लुटाने का माद्दा रखता है
– हरदीप सबरवाल