उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ द्वारा आयोजित पंच दिवसीय कार्यशाला “कम्प्यूटर (संगणक) द्वारा संस्कृत शिक्षण” का आयोजन (दिनांक16/02/2023 से 20/02/2023 तक) हुआ। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि संस्थान के निदेशक विजय श्रीवास्तव तथा विशिष्ट दिनेश मिश्र जी अतिथि रहे।
इस अवसर पर संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी तथा इस कार्यशाला के प्रकल्पक डॉ.जगदानन्द झा ने कम्प्यूटर शिक्षा के महत्व एवं वर्तमान समय में उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “संस्कृत को लेकर सोच बदलने की आवश्यकता है। यह एक वैज्ञानिक भाषा है। इसको लेकर सरकार का रुख सराहनीय है।”
प्रशिक्षक डी.भारती(असिस्टेंट प्रोफेसर फिरोज गांधी पी.जी. कॉलेज रायबरेली) और रामकिशोर (शोधछात्र जे.एन.यू.दिल्ली) ने कम्प्यूटर द्वारा संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार के अवसर और उन अवसरों के अनुरूप आवश्यक कौशल प्राप्त करने के हेतु तथा उपयुक्त विशेष योग्यता प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया।
इस कार्यशाला में प्रशिक्षु के रूप में समकालीन संस्कृत के युवा आलोचक डॉ.अरुण निषाद, बीएचयू के पीडीएफ रिसर्च स्कालर डॉ.सुजीत त्यागी, सद्गुरू सदफलदेव गुरूकुलम वाराणसी के शिक्षक सत्यम कुमार चौबे और नितोष कुमार, संस्कृत भारती कानपुर की संभाषण प्रशिक्षिका संध्या गुप्ता, लक्ष्मी निगम, लालेश गंगवार, पूनम,ऋषिराज, अंकित, प्रद्युम्न, सुधांशु, आदित्य, अखिलेश, विमल, ट्विंकल मोहान्ति, जितेन्द्र पाण्डेय, शिवदर्शन, विनोद, विजय आदि रहे। कार्यक्रम के सपापन की मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की सर्वेक्षक डॉ.चन्द्रकला शाक्य रही।