1
घना कोहरा
कोख में सुरक्षित
प्रकाश पिंड
2
ओढ़े सूरज
कोहरे का कंबल
ठिठुरी धरा
3
धुंधली धरा
कुहासा मफ़लर,
मार्तंड-मुख
4
घना कुहासा,
बर्फीले अहसास,
प्रतीक्षा सूर्य
5
बाँध गले में,
मफ़लर धुंध का,
दुबका सूर्य
6
दिल उदास
छाया कुहासा मन
रवि की आस
7
क्यों छुपे हो?
धुंध के पल्लू में ,
ओ! दिवाकर
8
चाय की प्याली
मज़ा भोर की धूप
साथ पुस्तक
9
शरद धूप
पत्तियों से छनती
चाय सा मजा़
10
शरद रात
छिप गए सितारे
चाँद एकाकी
11
चारु चँद्रिका,
आई लजाती हुई
शरद रात्रि
12
पूस की रातें
कटती मुश्किल से
किटकिटाती