नियम व शर्तें
शब्द घोष जयपुर साहित्य संगीति संस्था के साधारण एवं मानद सदस्यों के लिये प्रकाशित एक गृह पत्रिका है। यह आम पाठकों के लिये उपलब्ध नहीं है और न ही इसकी बिक्री की जाती है।
अब तक यह पत्रिका सॉफ्ट और हार्ड दोनों प्रतियों में उपलब्ध रहती थी किंतु डाक संबंधित व्यावहारिक कठिनाइयों को और वेब/ ई पत्रिका की अधिक उपयोगिता देखते हुए इस बार से यह केवल सॉफ्ट कॉपी में ही निकाली जा रही है ।
पत्रिका का अंक उन्हीं मित्रों को भेजा जाता है जो अनेक वर्षों से मुझसे तथा जयपुर साहित्य संगीति से किसी ना किसी रूप में संबद्ध रहे हैं। रचना प्रकाशन में भी उन्हीं से संपर्क किया जाता है और प्राथमिकता दी जाती है। इस पत्रिका का प्रसार पूर्णतः निजी एवं सीमित है।
रचनाओं के लिए हम स्वयं लेखक से संपर्क करते हैं। अपने आप से आयी रचनाओं का संज्ञान नहीं लिया जाता है और न ही उन्हें सुरक्षित रखा जाता है।
पत्रिका में केवल उसी रचना को शामिल किया जाता है जो मौलिक हो तथा प्रधान संपादक से पूर्व में चर्चा करके केवल शब्द घोष के लिये ही विशेष रूप से लिखी गई हो और अन्यत्र नहीं भेजी गयी हो। लेखक का जयपुर साहित्य संगीति से पूर्व से ही संबद्ध होना अनिवार्य है। यह हमारी संपादकीय नीति है। पत्रिका का उच्चस्तरीय पैमाना बनाने के लिए ऐसा करना आवश्यक है।
संयोजक
जयपुर साहित्य संगीति