1.
सावन झूले,
हम कहाँ हैं भूले,
मन में डोले
2-
इंद्रधनुष
बिखेरे सात रंग
मन से श्वेत
3.
मन में मेरे
बारिश चाहत की
सौन्धाया तन
4.
बरसे मेघ
हर्षाया तन-मन
भीगे नयन
5.
रूप अपना
निहारती प्रकृति
ताल-दर्पण
6.
उमड़ा ज्वार
बरसाती नदिया
मंहगाई की.
7.
डूबी जनता
त्राहिमाम करती
बनी सुर्खियां.
8.
उमड़ा जोश
बरसाती नदिया
देशप्रेम की
9.
चिंता धरा की,
चिलम फूंके चाँद
बादल रोया.
10.
कश्ती कागज़
जानती कि डूबेगी
बही फिर भी
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