साहित्य, कला व संस्कृति को समर्पित ‘क्रान्तिधरा साहित्य अकादमी’ – मेरठ द्धारा आयोजित तीन दिवसीय पंचम मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल में समस्त भारत, नेपाल , भूटान, बांग्लादेश, कनाडा, रूस, अमरीका, ईथोपिया, तंजानिया, आबूधाबी, ओमान, बैंकॉक, आस्ट्रेलिया व बेल्जियम के साहित्यकारों ने अन्य सभी भाषाओं के साहित्य के साथ साथ हिंदी साहित्य को विभिन्न देशों की सीमाओं के बंधन से परे जाकर उसे बुलंद करने का संकल्प लिया।
24 दिसंबर को उद्घाटन सत्र में वरिष्ठ कवयित्री सुषमा सवेरा की सरस्वती वंदना से शुरू हुए, इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल में मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार व सामाजिक विभूति डॉ. सुबोध गर्ग तथा मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अशोक मैत्रेय रहे। वरिष्ठ साहित्यकार व शिक्षाविद् डॉ. सुधाकर आशावादी की अध्यक्षता व विशिष्ट अतिथि के रूप में सुभारती विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रशासन डॉ. विवेक कुमार, नेपाल से विख्यात उपन्यासकार श्री गणेश प्रसाद लाठ, वरिष्ठ लेखक कवि श्री राधेश्याम लेकाली, उत्तराखंड से वरिष्ठ पत्रकार डा. श्रीगोपाल नारसन रहे ।
मुख्य आयोजक पूनम पंडित ने बताया कि यह आयोजन ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ और राष्ट्रीय विचारधारा की भावना के तहत गंगा-जमुनी तहज़ीब को विश्व पटल पर लाने का एक प्रयास है। मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल का लक्ष्य एक दूसरे के लेखन से रूबरू कराना, साहित्यिक अनुवाद, प्रकाशन, विचारों के आदान प्रदान, परस्पर सहयोग की भावना, पठन पाठन एवं साहित्य के दायरे के विस्तार के साथ दिलों से दिलों को जोड़नें के लिए एक सशक्त साहित्यिक सेतु का निर्माण करना है।
इसके साथ ही वरिष्ठ साहित्यकारों के सानिध्य में नवोदित व गुमनाम लेखन से जुडी प्रतिभाओं को एक अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करना आयोजन का मुख्य उद्देश्य है ।
आयोजन के दूसरे सत्र में लघुकथा परिचर्चा व वाचन सत्र रहे। इसमें आमंत्रित अतिथि नन्दिनी रस्तोगी ‘नेहा’ मेरठ, राजेन्द्र पुरोहित, जोधपुर, रवि श्रीवास्तव, पटना, विभा रश्मि, गुडगाँव, रजनीश दीक्षित, ओमान, सन्ध्या गोयल सुगम्या, गाजियाबाद, अलका वर्मा, पटना, डॉ. मीना कुमारी परिहार,’मान्या’, पटना, अनिता रश्मि, राँची , रानी सुमिता पटना से शामिल रहे, लघुकथा सत्र संचालन विभारानी श्रीवास्तव द्वारा किया गया।
तृतीय सत्र कविता को समर्पित रहा जिसमें युवाओं, नवांकुर व वरिष्ठ कलमकारों की सहभागिता रही। प्रतिभा बिलगी ‘प्रीति’, कर्नाटक, श्री प्रदीप देवीशरण भट्ट हैदराबाद, संतोष बंसल दिल्ली , श्री महेश कुमार शर्मन पंजाब, पारू तिमिल्सिना काठमांडू नेपाल, श्री संजय कुमार शर्मा मेरठ, सुषमा सवेरा मेरठ, मुक्ता शर्मा मेरठ, डा शिल्पी बक्शी शुक्ला लखनऊ, कुंवर वीरसिंह मार्तंड कोलकाता, वरिष्ठ पत्रकार श्री मनीष शुक्ला लखनऊ, रमा निगम भोपाल जैसी ख्यातिप्राप्त विभूतियों ने काव्यपाठ किया।
अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन सत्र का संचालन युवा कवि नितीश कुमार राजपूत द्वारा किया गया।
क्रांतिधरा मेरठ में पंचम अंतरराष्ट्रीय मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल के संरक्षक व मार्गदर्शक आचार्य चन्द्रशेखर शास्त्री जी ने कहा कि मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल के रूप में क्रांतिधरा मेरठ से अब एक साहित्यिक क्रांति का आगाज़ हुआ है जिसकी गूंज अखिल विश्व में सुनाई दे रही है ।
तीन दिवसीय पंचम मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल के द्वितीय दिवस, प्रथम सत्र में साक्षात्कार सत्र आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. महावीर अग्रवाल पूर्व कुलपति उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय और वर्तमान में प्रति कुलपति पंतजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार, उत्तराखंड रहे, सत्र संचालन वरिष्ठ पत्रकार श्रीगोपाल नारसन द्वारा किया गया ।
आयोजन का दूसरा सत्र हाइकु विधा को समर्पित रहा जिसका संचालन आभा खरे द्वारा किया गया और जगदीश व्योम, नोएडा, पवन जैन, लखनऊ, राजेन्द्र पुरोहित, जोधपुर, मधु गोयल, लखनऊ, मीनू खरे, लखनऊ, अलंकार आच्छा, चेन्नई, सुरंगमा यादव, लखनऊ, पीयूष चतुर्वेदी, मुम्बई, चेतना भाटी, इन्दौर, शेख शहजाद उस्मानी, शिवपुरी की सहभागिता रही।
तृतीय सत्र पर्यावरण विमर्श रहा जिसका संचालन संजय कश्यप द्वारा किया गया जो कि सेंटर फॉर वाटर पीस के निदेशक हैं और गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गैल इंडिया) के भी निदेशक हैं।
परिचर्चा में आमंत्रित अतिथियों में पर्यावरणविद् श्री पिनाकी दासगुप्ता आईआईटी दिल्ली के पर्यावरण शोधकर्ता हैं। डॉ. रोशन आरा श्रीनगर में कश्मीर विश्वविद्यालय में महिला सम्बन्धी विषयों की प्रोफेसर हैं। श्री सजल श्रीवास्तव जल विषयों व शहरीकरण के परामर्शदाता व शोधकर्ता हैं। श्रीमती इनोचा कांगबम भारत के नार्थ ईस्ट राज्य मणिपुर में जिला परिषद की सदस्य व इंटीग्रेटेड रूरल वेलफेयर एसोशिएशन की सचिव हैं। श्रीमती मीनाक्षी अरोडा भारत सरकार के ज्ञान आयोग द्वारा गठित इंडिया वाटर पोर्टल सदस्य हैं और आपका उत्तराखंड में नदियों पर उल्लेखनीय कार्य है, सभी अतिथियों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने अपने विचार रखे।
चतुर्थ सत्र आलीमी मुशायरा सत्र रहा जिसका संचालन जनाब शाहिद मिर्जा शाहिद ने किया और मुख्य अतिथि डा के.के.बेदिल रहे। अनुराग मिश्र ‘गैर’ ने सुनाया कि ..
लगाकर आग पानी ढूंढते हैं,
तबाही में कहानी ढ़ूंढ़ते हैं।
पुरानी इक हवेली में परिन्दे,
अभी तक दाना पानी ढूंढते हैं।
जनाब दिलदार देहलवी ने सुनाया ..
सारे नापाक अदालत से बरी हो गए हैं
क्या गुनहगार किसी पाक में ढूंढा जाए
चापलूसों में यही चीज़ नहीं है दिलदार
आजकल सच किसी बेबाक में ढूंढा जाए।
कपिल कुमार बेल्जियम ने अपनी गज़ल से समां बांध दिया उन्होंने कहा ..
छानी है ख़ाक मैंने सारे जहान की
सुनाऊँ फिर भी गाथा भारत महान की
अब हिंदी और उर्दू जुबां का मैं तुमसे क्या कहूँ
गई न मुँह से चाशनी मिठी जुबान की
पश्चिम की नुमाइशें दौलत भी देख ली
पर गई न दिल से सादगी हिंदुस्तान की
जनाब माहिर निजामी, बैंकॉक से, जनाब फख़री मेरठी, मधु मधुबन, रियाज सागर, सपना अहसास, रिजवान अली रिजवान, डॉ. सरोजिनी तनहा ने शिरक़त की और अपने कलाम सुनाए।
मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल के तृतीय दिवस आयोजन के साथ क्रांतिधरा मेरठ को साहित्यिक नगरी के रूप में प्रतिष्ठित करने के संकल्प के साथ साहित्य, कला व संस्कृति को समर्पित ‘क्रान्तिधरा साहित्य अकादमी’, मेरठ द्धारा आयोजित तीन दिवसीय पंचम मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल के तृतीय दिवस के प्रथम सत्र में पुस्तक परिचर्चा सत्र आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में रुड़की, उत्तराखंड से वरिष्ठ शिक्षाविद्, साहित्यकार व राष्ट्रीय साहित्य अकादमी के पूर्व सदस्य डॉ. योगेन्द्रनाथ शर्मा ‘अरूण’ रहे। इस अवसर पर डॉ.योगेन्द्रनाथ शर्मा ‘अरूण’ ने कहा कि साहित्य किसी भी भाषा में लिखा जाए वह देश दुनिया को आपस में जोड़ना सिखाता है। पुस्तक परिचर्चा सत्र का संचालन वरिष्ठ पत्रकार श्रीगोपाल नारसन द्वारा किया गया।
मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल आयोजन के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय में सहायक निदेशक डॉ. रघुवीर शर्मा रहे उन्होंने अपने उद्वबोधन में कहा –
“कितने दिनों के बाद मुलाकात हुई है,
आँखों से मेरे अश्क की बरसात हुई है
तुम आज जब मिले तो यादों में डूबकर
इतना भी भूल गए, आधी रात हुई है”
विशिष्ट अतिथि के रूप में देश विदेश में विख्यात आध्यात्मिक गुरु व लेखक आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री ने कहा कि प्रत्येक रचना समाज के लिए एक सकारात्मक संदेश लिए होनी चाहिए। जापान से लेखिका रमा शर्मा ने कहा कि भविष्य में वह जापान में ‘इंडो जापान लिटरेचर फेस्टिवल’ का आयोजन क्रांतिधरा साहित्य अकादमी के साथ मिलकर आयोजित करेंगी ।
मेरठ के जानेमाने समाजसेवी प्रशांत कौशिक ने अपने संबोधन में कहा कि मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल आयोजन से मेरठ परिक्षेत्र की देश विदेश में एक नई पहचान बन रही है ।
आयोजन के समापन सत्र में मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल की आयोजक पूनम पंडित ने सबसे पहले टेन न्यूज चैनल का विशेष आभार जताया जिन्होंने तीनों दिन देश दुनियां में सजीव प्रसारण किया। साथ ही आयोजन समिति के सभी सदस्यों व सभी सहयोगियों को आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष 2022 में कोविड संबंधित हालात सामान्य रहे तो मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल पहले की भांति ही धरातल पर भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा ।