1.
तुम्हारी ज़िंदगी तो एक शोषक की कहानी है
हमारा खून शामिल है युवाओं की जवानी है
भुला सकते नहीं ताउम्र जिसके ज़ख्म झेले हैं
हुई जो साथ हम सबके मुसलसल बेईमानी है
बताकर भाग्य और भगवान के हमको कई फंडे
सभी कुछ लूट लेने की वही आदत पुरानी है
हमीं ने दी तुम्हें सुख और सुविधाएं ज़माने की
रहे हम बेदखल सुख से तुम्हारी मेहरबानी है
नहीं है भूख भर रोटी न पीने के लिए पानी
सुगम इस हाल में देखो हमारी ज़िंदगानी है
*********************
2.
खनन के माफिया हैं हम खुदाई कौन रोकेगा
सभी जब भ्रष्ट बैठे हों बुराई कौन रोकेगा
विधायक हो या मंत्री, मुख्यमंत्री कोई हो बेशक
सभी को चाहिए दौलत कमाई कौन रोकेगा
हैं हिस्सेदारियां होते हुए निर्माण कार्यों में
पदों की तानाशाही बेहयाई कौन रोकेगा
न पहुंचे शाम तक पैसा तो होने लगती बेचैनी
बता तो दो कुबेरों की मलाई कौन रोकेगा
बिना सोचे बिना समझे चलाते फैसले अपने
तो होगी खूब होगी जग हंसाई कौन रोकेगा
जहाँ फिरका परस्ती सीढ़ियों का काम करती हो
वहाँ होती हुई ये चौड़ी खाई कौन रोकेगा