6 सितंबर 2023 को ICAC आर्ट गैलरी, अहमदाबाद के सुंदर प्रांगण में मधु सोसि ‘मेहुली’ के कहानी संग्रह ‘बेतरतीब बाँस का जंगल’ का लोकार्पण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में मंच पर अतिथिगण के रूप में आदरणीय अशोक तिवारी जी, डॉ प्रणव भारती जी, मंजू महिमा जी, रविंद्र मराडिया जी, मीरा दास जी, जयेंद्र तन्ना जी की गरिमामयी उपस्थिति रही।
पुस्तक की समीक्षा बहुत ही सुंदर, निष्पक्ष व बौद्धिक तरीके से श्रीमती मल्लिका मुखर्जी, निशा चंद्रा जी व एकता व्यास जी द्वारा की गई।
यह कभी न सुनी/ लिखी गई कहानियों का संग्रह ‘बेतरतीब बाँस का जंगल’ पुस्तक वनिका पब्लिकेशन, दिल्ली द्वारा प्रकाशित है और अमेजॉन पर उपलब्ध है।
लेखिका मधु सोसि ‘मेहुली’ जी अंग्रेजी साहित्य में एम ए, बी. एड हैं तथा डिग्री कॉलेज, फिल्म इंस्टीट्यूट गांधीनगर व कई विद्यालयों में व्याख्याता के रूप में अध्यापन का अनुभव रखती हैं। आपकी कहानी 90 के दशक से प्रकाशित होती आ रही हैं एवं पुरस्कृत भी हुई हैं।
उनकी इस पुस्तक की कहानियाँ और कुछ नहीं बल्कि हमारे समाज के अंधेरे, घृणित और रक्तरंजित पहलू को प्रतिबिंबित करने वाला दर्पण है, जिन्हें आम तौर पर एक आम आदमी देखने, समझने और प्रतिक्रिया करने की बजाय अनदेखा कर देता है।
परंतु इस पुस्तक की लेखिका जो की एक संवेदनशील लेखिका है उन्होंने अन्यथा चुना। उन्होंने समाज के कांटों को महसूस किया चाहे वह दोहरा मापदंड हो, पाखंडी मानसिकता हो या फिर हमारी सब कुछ सही चल रही वाली दुनिया में पर्दे के पीछे विक्षुब्ध कर देने वाली गतिविधियां हों।
पंद्रह कहानियों के माध्यम से लेखिका ने अलग-अलग विषयों को छुआ है। इनको पढ़ते पढ़ते पाठक इनका हिस्सा बनता है, हंसता है, रोता है, खो जाता है उन बाँस के जंगल की पगडंडियों में जहां लेखिका उनकी हर एक कहानी के माध्यम से हमें गहरे अनदेखे यथार्थ पर विचार करने के लिए छोड़ देती हैं और मजबूर कर देती हैं उन समाधानों के बारे में सोचने के लिए जिनके द्वारा यह दुनिया समाज के सभी वर्गों के रहने के लिए एक बेहतर जगह बन सकती है।
पुस्तक लोकार्पण का यह कार्यक्रम सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ एक सफल आयोजन रहा।