करूँ पुकार
फिर से इक बार
तू आजा ना माँ
अंतस में तू
तेरी ममता पर
हक है मेरा
तेरी छवि को
मन के झूले में मैं
रोज़ झुलाऊँ
मेरे नैनों में
मुस्कान तेरी ही है
तू दिल में है
अपना मन
बहलाती हूँ ज्यों तू
यहीं कहीं है
करूँ पुकार
फिर से इक बार
तू आजा ना माँ
अंतस में तू
तेरी ममता पर
हक है मेरा
तेरी छवि को
मन के झूले में मैं
रोज़ झुलाऊँ
मेरे नैनों में
मुस्कान तेरी ही है
तू दिल में है
अपना मन
बहलाती हूँ ज्यों तू
यहीं कहीं है