5 जून 2022
सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ.प्रणव भारती के काव्य संग्रह ” डैफ़ोडिल्स! तेरे झरने से पहले” का लोकार्पण
भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में देशभर में “आजादी का अमृत महोत्सव” जन-उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है, जो हमारे देश की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहचान के बारे में प्रगतिशील है। इसी श्रृंखला में एक कड़ी और जुड़ गई जब इंटरनेशनल क्रिएटिव आर्ट सेंटर ने विश्व पर्यावरण दिवस पर सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ प्रणव भारती के 75 वें जन्मदिन पर उनकी पर्यावरण पर लिखी 75 कविताओं के संग्रह “डेफोडिल्स! तेरे झरने से पहले” के लोकार्पण समारोह का शानदार आयोजन किया। ICAC आर्ट गैलरी के फाउंडर/ डायरेक्टर एवं जाने-माने उद्योगपति रवीन्द्र मरडीया अपने सेवानिवृत्त जीवन में, 2011 से देश के दृश्य कला और कलाकारों को बढ़ावा देने के लक्ष्य का नेतृत्व कर रहे हैं।
अनेक साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार प्रमोद कुमार गोविल, वरिष्ठ कवि एवं रंगकर्मी श्री नरेश शांडिल्य और “अहमदाबाद इंटरनेशनल लिटरेचर फेस्टिवल” के फाउंडर/ डायरेक्टर श्री उमाशंकर यादव की गरिमामय उपस्थिति ने कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए। एक सशक्त दोहाकार के रूप में अपनी पहचान बना चुके श्री नरेश शांडिल्य ने दोहे और ग़ज़ल पाठ कर सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मैं खुश हूँ औज़ार बन, तू ही बन हथियार
वक़्त करेगा फ़ैसला, कौन हुआ बेकार!
वक़्त करेगा फ़ैसला, कौन हुआ बेकार!
डॉ. प्रणव भारती जी ने अपनी साहित्यिक सृजन यात्रा के साथ-साथ इस काव्य संग्रह की रचना का रसप्रद इतिहास बताया। साथ ही एक सुंदर गीत का पाठ भी किया। इस शुभ अवसर पर शहर के कई साहित्यकारों के साथ-साथ प्रणव जी के परिवार के सदस्यों ने भी अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज़ की। यह कार्यक्रम कवयित्री/कथाकार सुश्री श्रद्धा आहुजा रामानी के शानदार संचालन में सम्पन्न हुआ।