यादों में दो नैन रख,
गए चाँद के पार।
आओ बैरी लौट कर,
खोजें तेरा प्यार।।
उस प्रीतम से यह कहो,
तरसे उसका प्यार।
जाओ उड़कर मेघ तुम,
बरसो धारासार।।
धुआँ-धुआँ सब याद है,
कुआँ – कुआँ है प्यास।
ऐसे में कैसे रहें,
कहाँ लगावें आस।।
देखे तो मुख फेर ले,
भोगें अपना भोग।
कोई अपना ना यहाँ,
कैसा जोग कुजोग।
कागा जाओ तुम वहाँ,
बोलो मन के बैन,
यादें में पैबन्द सा,
मेरे जी का चैन।।
भूलो ना इस भाव को,
कुछ तो करो विचार।।
सोये दुनिया चैन से,
जागे केवल प्यार।।