अब सब छोड़ो कल देखेंगे
अपना मुस्तक़बिल देखेंगे
सुंदर चेहरों से क्या लेना
हम तो उनका दिल देखेंगे
मंहगाई की हालत क्या है
परचूनी का बिल देखेंगे
चांद अभी वैसा ही है क्या
रातों में झिलमिल देखेंगे
राहों की चर्चा क्या करना
मनचाही मंज़िल देखेंगे
टूटी कश्ती के दम पर ही
सुगम सुनो साहिल देखेंगे
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