अच्छी ग़ज़लें कहते हो तुम
बिल्कुल मेरे जैसे हो तुम
तुमको कितना ढूँढा मैंने
दिल में मेरे रहते हो तुम
फूल उदासी के खिलते हैं
जब जब खुल के हँसते हो तुम
सुनते सुनते खो जाता हूँ
ऐसी बातें करते हो तुम
ख़्वाब में मेरे आ जाते हो
नींद में जब भी डरते हो तुम
चांद ज़मीं पर आ जाता है
जब भी छत पर चलते हो तुम
और तुम्हें क्या बतलाए अब
कितने अच्छे लगते हो तुम